बिहार के मुंगेर जिले में 110 फीट गहरे बोरवेल में पिछले 31 घंटों से फंसी 3 साल की बच्ची सना को आखिरकार सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. बाहर निकालने के तुरंत बाद बच्ची को एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया.
मंगलवार से जारी रेस्क्यू अॉपरेशन में बच्ची को बचाने की लगातार कोशिश की जा रही थी. स्टेट डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स (SDRF) और नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स (NDRF) की टीम ने बच्ची को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया. और आखिरकार उनकी मेहनत और सबकी दुआएं रंग लाई.
बोरवेल में बच्ची 44 फीट की गहराई में फंसी हुई थी. वो और नीचे न गिर पाए, इसके लिए SDRF टीम ने पुख्ता इंतजाम किए थे.
डीआईजी जितेंद्र मिश्रा ने दोपहर को एक बयान में कहा था, "SDRF की टीम लगातार बचाव कार्य में जुटी है. बच्ची तक पहुंचने के लिए टीम ने बोरवेल के नजदीक 40 फीट गहराई तक खुदाई कर चुकी है. बच्ची फिलहाल सुरक्षित है."
बच्ची को ऑक्सीजन सप्लाई
डॉक्टरों की एक टीम लगातार मौके पर मौजूद थी और सिलेंडरों और पाइप की मदद से बच्ची तक पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही थी. साथ ही कैमरे से भी बच्ची की निगरानी की जा रही थी.
बोरवेल के अंदर से बच्ची के रोने की आवाज आ रही थी. बच्ची की मां ने बोरवेल के अंदर बेटी से बात करके उसे तुरंत निकाले जाने का भरोसा भी दिया था.
“प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि बच्ची को सुरक्षित तरीके से बचाया जाए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व्यक्तिगत तौर पर रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं.“- दिनेश चंद्र यादव, राज्य आपदा प्रबंधन मंत्री
कैसे हुआ हादसा
जानकारी के मुताबिक, मुंगेर की वीर कुंवर सिंह कॉलोनी दलहट्टा निवासी बैंककर्मी नचिकेता साव की तीन साल की बेटी सना हफ्ते भर पहले अपने नाना उमेश नंदन प्रसाद साव के घर आई थी. पिछले दो दिनों से उमेश नंदन के घर में पानी के लिए बोरवेल लगाने का काम चल रहा था. मंगलवार की दोपहर समरसिबल के लिए किए गए बोरिंग में ग्रेबुल डाला जा रहा था. इसी दौरान बच्ची खेलते हुए आई और फिसलकर बोरवेल में गिर गई.
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