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सीलिंग के विरोध में दिल्ली में आज हजारों दुकाने बंद है. व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सीलिंग के विरोध में मंगलवार को बंद का एेलान किया है. माना जा रहा है कि सीलिंग के खिलाफ करीब सात लाख से ज्यादा व्यापारी अपना कारोबार बंद रखकर अपना विरोध जताएंगे.
दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में सभी पार्टियों के साथ मीटिंग बुलाई है. लेकिन बीजेपी ने सीलिंग पर केजरीवाल के सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया है. वहीं दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने इस कदम के लिए केजरीवाल की तारीफ की और मिलकर इसका हल निकालने का आश्वासन दिया.
व्यापारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और उनसे शहर में चलाये जा रहे सीलिंग मुद्दे पर हस्तक्षेप की मांग की. साथ ही सीलिंग अभियान बंद करने की मांग रखी.
राज्यसभा से आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने सीलिंग रोकने के लिए संसद में प्राइवेट मेंबर बिल दिया है.
साल 2006 में शीला दीक्षित सरकार के कार्यकाल में दिल्ली में सीलिंग शुरू हुई थी. मास्टर प्लान 2021 को देखते हुए रिहायशी इलाकों में कमर्शियल दुकानों पर रोक का प्रावधान है.
मामला तब बढ़ा जब सरकार ने 2006 में दुकानों या कमर्शियल प्रॉपर्टी को सीलिंग से बचाने के लिए कन्वर्जन चार्ज का प्रावधान किया और कोर्ट ने कुछ वक्त के लिए सीलिंग रोक दी.
लेकिन मामला फिर उठा. सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी दुकानों या प्रॉपर्टी को सील करने का आदेश दिया और इसके लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया. अब मॉनिटरिंग कमेटी की देखरेख में ऐसी दुकानों को सील किया जा रहा है, जिन्होंने कन्वर्जन चार्ज जमा नहीं कराया है.
व्यापारियों की मांग है कि सरकार दिल्ली के व्यापार को सीलिंग से बचाने के लिए तुरंत कदम उठाए . वहीं दूसरी तरफ 31 दिसंबर, 2017 तक दिल्ली में जहां है जैसा है के आधार पर एक एमनेस्टी स्कीम दी जाए.उनका यह भी कहना है कि लोकल शॉपिंग सेंटर्स कमर्शियल दरों पर दिए गए थे, इसलिए उनसे कन्वर्जन चार्ज लेना कहां तक उचित है ओर उनको सील किया जाना गलत है.
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