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देश में कठुआ और उन्नाव की वारदात को लेकर हर तरफ गहरी चिंता जाहिर की जा रही है. इस बीच चाइल्ड राइट्स एंड यू (CRY) ने एक रिपोर्ट पेश की है, जो भारत में नाबालिगों के खिलाफ बढ़ रहे यौन अपराध की भयावह तस्वीर पेश करती है.
CRY ने कहा है कि बीते 10 साल के दौरान भारत में नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराध के मामलों में 500 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. CRY ने मुताबिक, 2006 में नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराध के 18,967 मामले दर्ज हुए थे. 2016 में इनकी तादाद बढ़कर 1,06,958 हो गई.
CRY ने एक बयान में कहा:
एनजीओ के मुताबिक, इस मामले में बच्चों के खिलाफ सबसे अधिक 15 फीसदी मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए. उसके बाद महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में क्रमश: 14 और 13 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए.
बयान के मुताबिक, "यह भी काफी चिंता की बात है कि 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 11 राज्यों में बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों में 50 प्रतिशत से ज्यादा मामले यौन अपराध के थे. 25 राज्यों में बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों में एक-तिहाई अपराध यौन अपराध के थे."
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के साल 2016 के डाटा से पता चलता है कि भारत में बच्चों के खिलाफ अपराधों में 2015 की अपेक्षा 14 फीसदी बढ़ोतरी हुई है.
पोक्सो एक्ट के तहत साल 2016 में दर्ज अपराध की स्टडी के आधार पर, भारत में बच्चों के साथ हुए अपराधों में एक-तिहाई अपराध यौन अपराध के थे. इसके मुताबिक, भारत में हर 15 मिनट में नाबालिग के खिलाफ यौन अपराध होता है.
(इनपुट IANS से)
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