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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की पूर्व सांसद वृंदा करात ने गुरुवार को शाहजहांपुर के चिन्मयानंद मामले में जेल में बंद पीड़िता से मुलाकात की. वृंदा करात ने इस मामले में SIT की जांच पर सवाल उठाए हैं. वृंदा करात ने मीडिया से बातचीत के दौरान सवाल उठाया कि SIT ने किस आधार पर लॉ स्टूडेंट को जेल भेज दिया.
बता दें, जबरन उगाही के मामले में SIT ने चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली लॉ स्टूडेंट को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
वृंदा करात ने कहा, ‘एसआईटी इन दोनों केस को बराबरी की नजर से कैसे देख सकती है. इनकी सजा भी बराबर नहीं है. रेप की शिकायत करने वाली लड़की को ही जेल कैसे भेज दिया?’
वृंदा करात ने बताया कि उन्होंने शाहजहांपुर जेल में लड़की से मुलाकात की है. इसके अलावा उन्होंने SIT के पदाधिकारियों और लड़की के पक्ष के वकीलों से भी मुलाकात की है.
वृंदा करात ने कहा, ‘SIT की सबसे बड़ी कोशिश थी कि लड़की की FIR को दर्ज न किया जाए. लड़की ने बताया उसके साथ बलात्कार हुआ फिर भी FIR दर्ज नहीं हुई. पीड़िता के साथ न्याय की जगह अन्याय हुआ है.’
वृंदा करात ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बलात्कार की हालिया घटनाएं बताती हैं कि इस तरह के मामलों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर प्रभावशाली लोगों की भूमिका देखी गई है. उन्होंने कहा-
वृंदा करात ने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘अपनी पॉलिटिक्स करो, लेकिन बलात्कारियों को ऐसा सहारा देना, FIR दर्ज न करना, लड़की के परिवार को तंग करना बंद करो.’
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