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पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री चिन्मयानंद और उससे रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार लॉ स्टूडेंट की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है. मामले की सुनवाई के दौरान जिला कोर्ट ने सोमवार को दोनों की याचिका खारिज कर दी.
शाहजहांपुर की लॉ स्टूडेंट ने चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. इसके बाद छात्रा को चिन्मयानंद से जबरन वसूली के आरोप में 25 सितंबर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.
एसआईटी ने छात्रा के खिलाफ अपराध संख्या 442, जिसमें धारा 385, 201, 506, 507, 34 और 67 ए आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है.
चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली छात्रा के खिलाफ एसआईटी की कार्रवाई के बाद विपक्षी पार्टियां लगातार आवाज उठा रही हैं. सोमवार को कांग्रेस ने छात्रा के समर्थन में पदयात्रा निकालने की योजना बनाई. लेकिन प्रशासन ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी.
इससे पहले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की पूर्व सांसद वृंदा करात भी इस मामले में SIT की जांच पर सवाल उठा चुकी हैं. वृंदा करात ने मीडिया से बातचीत के दौरान सवाल उठाया था कि SIT ने किस आधार पर छात्रा को जेल भेज दिया. वृंदा करात ने कहा था, ‘एसआईटी इन दोनों केस को बराबरी की नजर से कैसे देख सकती है. इनकी सजा भी बराबर नहीं है. रेप की शिकायत करने वाली लड़की को ही जेल कैसे भेज दिया?’
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