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महाराष्ट्र में एनसीपी ने आधी लोकसभा सीटों पर अपना दावा ठोक दिया है. पिछले लोकसभा चुनाव में बेहतर सफलता के हिसाब से शरद पवार की पार्टी ने अपने सहयोगी कांग्रेस के सामने गठजोड़ का फॉर्मूला रखा है. लेकिन फैसला एनसीपी- कांग्रेस की 4 लोगों की कमेटी करेगी.
महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं. कांग्रेस पिछली बार 26 पर लड़ी थी जबकि उसकी सहयोगी एनसीपी के हिस्से में 22 सीटें आई थीं. लेकिन कांग्रेस सिर्फ 2 सीटें ही जीत पाई थी और एनसीपी ने 4 सीटें जीती थी. इसी आधार पर एनसीपी ज्यादा सीटें चाहती है.
हालांकि ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की वजह से कांग्रेस का वोट शेयर एनसीपी के मुकाबले 2 परसेंट ज्यादा था.
एनसीपी के इस दावे के जवाब में कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि क्योंकि राज्य में कांग्रेस हमेशा से बड़ी पार्टी रही है, इसीलिए एनसीपी की दावेदारी सही नहीं है. कांग्रेस के एक नेता ने कहा, "गठबंधन धर्म को देखते हुए एक-दो सीटों में फेरबदल संभव है लेकिन एनसीपी का आधी सीटों पर दावा कुछ ज्यादा ही है."
फिलहाल सीट बंटवारे पर फैसला लेने के लिए एक कमेटी बनी है जिसमें कांग्रेस की ओर से अशोक गहलोत और अशोक चव्हाण हैं. जबकि एनसीपी की तरफ से प्रफुल्ल पटेल और जयंत पाटिल हैं. इसी कमेटी पर सीटें तय करने का दरोमदार होगा.
सीटों के बंटवारे के अलावा दोनों पार्टियों के बीच इस बात पर भी मतभेद है कि इस गठबंधन और किन सहयोगियों को जगह दी जाए. कांग्रेस चाहती है कि राजू शेट्टी का शेतकारी संगठन इसका हिस्सा हो. लेकिन एनसीपी फिलहाल इसके लिए तैयार नहीं है. राजू शेट्टी ने 2014 में बीजेपी के सहयोगी के रूप में चुनाव लड़ा था. लेकिन अब वो एनडीए को बाय-बाय कर चुके हैं. शेट्टी ने एनडीए सरकार पर किसानों से वादाखिलाफी का आरोप लगाया था.
राजू शेट्टी शरद पवार और एनसीपी के गढ़ में पकड़ बनाना चाहते हैं. अब तक राजू शेट्टी की राजनीति शरद पवार के विरोध की रही है. शेट्टी उन सीटों पर भी दावा ठोक रहे हैं, जो अभी एनसीपी के पास हैं. जैसे महाडा सीट एनसीपी के पास है, जहां से उनके बड़े नेता विजय सिंह मोहिते पाटिल सांसद है. एनसीपी ये सीट छोड़ने को तैयार नहीं है. पिछली बार इस सीट से स्वाभिमान शेतकारी के कैंडिडेट की सिर्फ 25 हजार वोट से हार हुई थी. कोल्हापुर सीट भी एनसीपी के पास है. लेकिन यहां भी राजू शेट्टी का दावा है.
इसी तरह प्रकाश अंबेडकर की पार्टी को गठबंधन में शामिल करना है या नहीं. इस पर भी सहमति नहीं बनी है. कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, अंबेडकर भी 5 से 7 लोकसभा सीटों की मांग कर रहे हैं और कांग्रेस इतनी सीटें देने को तैयार नहीं है.
दूसरी तरफ एनसीपी का मानना है कि प्रकाश अंबेडकर को गठबंधन का हिस्सा बनाने से एक मैसेज जाएगा.
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