Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019खुदकुशी कर रहे प्रदर्शनकारी किसान, ये देश के लिए सही नहीं- पवार

खुदकुशी कर रहे प्रदर्शनकारी किसान, ये देश के लिए सही नहीं- पवार

एनसीपी चीफ शरद पवार ने फिर कहा- किसान आंदोलन को सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
एनसीपी चीफ शरद पवार ने फिर कहा- किसान आंदोलन को सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए
i
एनसीपी चीफ शरद पवार ने फिर कहा- किसान आंदोलन को सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए
(फोटोः PTI)

advertisement

केंद्र और किसानों के बीच कृषि कानूनों को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. भले ही अब अगले दौर की बातचीत तय हो चुकी हो, लेकिन किसानों की कानूनों को रद्द करने वाली मांग जारी है, वहीं सरकार दिन-रात इसके फायदे गिना रही है. यानी समाधान निकलना मुश्किल है. अब इस मामले को लेकर शरद पवार ने एक बार फिर केंद्र सरकार को नसीहत दी है. उन्होंने कहा है कि सरकार को इस पूरे किसान आंदोलन को गंभीरता से लेना चाहिए.

पवार ने किसान आत्महत्याओं का किया जिक्र

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए एक बार फिर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि,

“मुझे लगता है कि सरकार को इस पूरे आंदोलन को गंभीरता से लेना चाहिए. बातचीत और उससे हल निकालने की कोशिश होनी चाहिए. मैंने सुना है कि वहां करीब पांच किसान अब तक सुसाइड कर चुके हैं. अगर इस तरह के हालात बन रहे हैं तो ये देश के लिए सही नहीं हैं.”
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

पहले भी दी थी चेतावनी

बता दें कि ये पहली बार नहीं है, जब शरद पवार ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर सरकार को चेताया हो. इससे पहले भी शरद पवार ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर किसान आंदोलन का जल्द से जल्द समाधान नहीं निकाला गया तो ये आंदोलन देशव्यापी हो सकता है. देशभर के किसान भी पंजाब और हरियाणा के किसानों के साथ जुड़ेंगे. जिससे सरकार को ही परेशानी होगी.

बता दें कि सरकार ने किसानों के साथ बातचीत के लिए 30 दिसंबर दोपहर 2 बजे का समय दिया है. इससे पहले किसानों ने सरकार को प्रस्ताव दिया था कि वो 29 दिसंबर को बातचीत के लिए तैयार हैं. हालांकि किसानों की शर्तें हैं कि वो कानून को खत्म करने पर ही बात करेंगे. साथ ही एमएसपी पर कानूनी गारंटी को लेकर भी बातचीत के लिए कहा गया है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT