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कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 30 जुलाई को पार्टी के सांसदों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई थी. मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि इस बैठक में पार्टी के युवा नेताओं ने कांग्रेस की खराब हालत के लिए डॉ मनमोहन सिंह की UPA सरकार को जिम्मेदार ठहराया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बैठक में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने एक शब्द नहीं कहा था. बैठक के बाद अब कई वरिष्ठ पार्टी नेता सिंह के समर्थन में ट्वीट कर रहे हैं.
सांसद आनंद शर्मा ने ट्विटर पर डॉ सिंह का बचाव करते हुए कहा कि 'UPA सरकार एक बहुत बड़ी राजनीतिक साजिश, बीजेपी के दुर्भावनापूर्ण गलत जानकारी के कैंपेन, राजनीतिक प्रतिद्वंदियों और ताकतवर निहित हितों का शिकार हुई थी.' शर्मा ने कहा कि भारत को 'सहानुभूतिशील और समावेशी ग्रोथ के दशक' में ले जाने में डॉ सिंह और UPA चेयरपर्सन सोनिया गांधी का अहम योगदान रहा है.
आनंद शर्मा ने 10 साल के UPA शासन की उपलब्धियां बताते हुए 11 ट्वीट किए.
शशि थरूर, मनीष तिवारी और पूर्व मुंबई कांग्रेस चीफ मिलिंद देवड़ा ने भी मनमोहन सिंह के समर्थन में ट्वीट किए. ये तीनों सिंह की कैबिनेट में मंत्री रहे हैं.
सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि जब बीजेपी 2004-2014 के बीच 10 साल सत्ता से बाहर रही, तब किसी बीजेपी नेता ने अटल बिहारी वाजपेयी या उनकी सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया.
तिवारी ने ट्वीट किया, "दुर्भाग्य से कांग्रेस के कुछ कम जानकार लोग बीजेपी/NDA के खिलाफ लड़ने की बजाय डॉ मनमोहन सिंह UPA सरकार पर ताने कसेंगे."
मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट कर कहा कि डॉ सिंह ने 'कभी सोचा भी नहीं होगा कि उनके पार्टी के सदस्य उनकी मौजूदगी में ही देश की सालों तक सेवा को इस तरह नकार देंगे.'
संसद शशि थरूर ने तिवारी से इत्तेफाक रखते हुए कहा कि हार से काफी कुछ सीख कर पार्टी को दोबारा खड़ा कर सकते हैं और न कि 'वैचारिक दुशमनों की तरह बात करें.'
कांग्रेस की हाल ही में हुई इस बैठक में एक बार फिर मतभेद सामने आ गए हैं. लीडरशिप का सवाल एक बार फिर खड़ा हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ नेताओं ने फिर से राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग की.
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