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शिवसेना ने कहा है कि महाराष्ट्र में किसानों के मुद्दों को लेकर यशवंत सिन्हा का आंदोलन सरकार के लिए खतरे की घंटी है.
बीजेपी के मौजूदा नेतृत्व पर लगातार निशाना साधने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को सोमवार शाम को उस समय हिरासत में ले लिया गया था, जब वो विदर्भ के किसानों की ओर राज्य सरकार की उदासीनता के खिलाफ अकोला मजिस्ट्रेट के आॅफिस के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे.
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने यशवंत सिन्हा से मंगलवार को फोन पर बात की और उनके साथ किसानों के मुद्दों पर चर्चा की थी. सिन्हा ने अकोला में अपने तीन दिवसीय प्रदर्शन को बुधवार को ये कहते हुए खत्म कर दिया था कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने उन्हें आश्वस्त किया है कि उनकी मांगें पूरी की जाएंगी.
वीडियो:
शिवसेना ने कहा कि देश के प्रतिष्ठित नेताओं ने सिन्हा के आंदोलन का समर्थन किया.
संपादकीय में इन बातों और सवालों को उठाया गया है:
यशवंत सिन्हा की आलोचना करने वालों पर सवाल करते हुए संपादकीय में कहा गया है कि अगर पूर्व केंद्रीय मंत्री अपनी निजी शिकायतों के कारण अपनी ही पार्टी के खिलाफ जा रहे हैं, तो उन्हें अकोला में इतना जोरदार समर्थन कैसे मिल सकता है.
पार्टी ने कहा, ''क्यों मुख्यमंत्री और (राजस्व मंत्री) चंद्रकांत पाटिल ने सिन्हा से आंदोलन को वापस लेने की गुजारिश की? इसलिए कि ये आंदोलन खराब रूप ले सकता है और राज्य विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र को प्रभावित कर सकता है.''
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