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शिवसेना के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) को आखिरकार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने देर रात गिरफ्तार कर लिया है. पात्रा चॉल भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राउत की गिरफ्तारी हुई है.
इससे पहले संजय राउत के घर पर करीब नौ घंटे और फिर दक्षिण मुंबई स्थित ईडी दफ्तर में 6 घंटे चली पूछताछ के बाद रात 12ः05 बजे धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया.
एजेंसी की एक टीम रविवार को मुंबई के भांडुप इलाके में राउत के आवास पर पहुंची थी, जहां उन्होंने तलाशी ली, राउत से पूछताछ के बाद शाम तक उन्हें दक्षिण मुंबई के बैलार्ड एस्टेट में ईडी के जोनल कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया, जहां छह घंटे से अधिक समय तक पूछताछ होती रही.
संजय के घर से ईडी को 11.50 लाख रुपये कैश भी मिले हैं. ईडी अधिकारियों ने बताया कि जांच में सहयोग नहीं करने के कारण राउत को गिरफ्तार किया है. ईडी उन्हें सोमवार को विशेष पीएमएलए कोर्ट में पेश कर उनकी रिमांड मांगेगी.
इससे पहले रविवार को दिन ईडी कार्यालय के बाहर राउत ने मीडिया से कहा,
इसी साल अप्रैल में, ईडी ने जांच के हिस्से के रूप में संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत और उनके दो सहयोगियों की 11.15 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क किया था. इस प्रॉपर्टी में वर्षा राउत के दादर में एक फ्लैट और अलीबाग में किहिम समुद्र तट पर आठ प्लॉट शामिल हैं, जो संयुक्त रूप से वर्षा राउत और संजय राउत के "करीबी सहयोगी" सुजीत पाटकर की पत्नी स्वप्ना पाटकर के पास हैं.
राउत ने जांच एजेंसी के अधिकारियों के उनके घर पहुंचने के तुरंत बाद ट्वीट किया था और कहा,
राउत ने आगे कहा, “मैं शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे की कसम खाकर कहता हूं कि किसी घोटाले के साथ मेरा कोई लेना-देना नहीं है. मैं शिवसेना के लिए लड़ाई जारी रखूंगा.”
पात्रा चॉल लैंड स्कैम केस में करीब 1034 करोड़ के घोटाले का आरोप है. ईडी के मुताबिक मुंबई पश्चिमी उपगनर के गोरेगांव में सिद्धार्थ नगर के पात्रा चॉल के 47 एकड़ जमीन पर 672 परिवारों के घरों के पुनर्विकास के लिए साल 2007 में सोसायटी द्वारा महाराष्ट्र हाउसिंग डेवलपमेंड अथॉरिटी (MHADA) और गुरू आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच करार हुआ था. करार के तहत गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चॉल को पुनर्विकसित करने का काम मिला.
इस करार के तहत कंपनी को साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट बनाकर MHADA को देने थे. उसके बाद बची हुई जमीन प्राइवेट डेवलपर्स को बेचनी थी.
गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन, हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की सहायक कंपनी है. एचडीआईएल पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक में लगभग 4,300 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के संबंध में ईडी और कुछ अन्य एजेंसियों द्वारा जांच के दायरे में है.
ईडी ने कहा कि गुरु आशीष ने चॉल के पुनर्विकास के लिए किरायेदारों और MHADA के साथ "त्रिपक्षीय समझौता" किया था. ईडी का दावा है कि समझौते के अनुसार डेवलपर को 672 किरायेदारों को फ्लैट उपलब्ध कराने थे और MHADA के लिए फ्लैट विकसित करने थे. इसके बाद, बची हुई जमीन को बेचा जाना था.
ईडी के मुताबिक,
अब तक की गई ईडी की जांच में पाया गया कि "एचडीआईएल से प्रवीण राउत के खाते में करीब 100 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए."
यह राशि आगे प्रवीण राउत द्वारा अपने करीबी सहयोगियों, परिवार के सदस्य, उनकी व्यावसायिक संस्थाओं के विभिन्न खातों में "डायवर्ट" की गई थी. गुरु कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक रहे प्रवीण राउत, संजय राउत के करीबी हैं. ईडी ने प्रवीण को फरवरी 2022 में गिरफ्तार कर लिया था.
ईडी के मुताबिक पात्रा चॉल घोटाले से प्रवीण ने 95 करोड़ रुपये कमाए और वह पैसा अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को बांटा था. इसमें से करीब 83 लाख रुपये संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खाते में आए थे. फिर 55 लाख रुपये की राशि संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत ने माधुरी राउत को वापस ट्रांसफर कर दी थी.
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