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Sushant Singh Rajput की पुण्यतिथि: मौत के दो साल बाद भी CBI चार्जशीट का इंतजार

Sushant Singh Rajput Case: 19 अगस्त 2020 को सुशांत सिंह का केस CBI को दिया गया था.

हिमांशी दहिया
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>सुशांत सिंह राजपूत की पुण्यतिथि: मौत को हुए दो साल, CBI की चार्जशीट का इंतजार</p></div>
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सुशांत सिंह राजपूत की पुण्यतिथि: मौत को हुए दो साल, CBI की चार्जशीट का इंतजार

(फोटो- द क्विंट)

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केदारनाथ , काई पो चे और एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी जैसी फिल्मों में काम करने वाले जाने-माने बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) 14 जून 2020 को मुंबई में अपने बांद्रा स्थित आवास पर मृत पाए गए थे. मुंबई पुलिस द्वारा जांच की शुरुआती रिपोर्ट्स में कहा गया कि सुशांत की मौत सुसाइड करने से हुई है. इसके बाद बिहार के पटना में रहने वाले उनके परिवार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जांच की मांग की.

मेनस्ट्रीम मीडिया द्वारा सुशांत के निधन की चौबीसों घंटे, तीखी कवरेज की गई और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर #JusticeForSushant व #CBIForSSR जैसे हैशटैग महीनों तक ट्रेंड में रहे.

19 अगस्त 2020 को आखिरकार यह केस सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया. लेकिन दो साल बाद, एजेंसी ने अभी तक चार्जशीट नहीं दाखिल की है.

उनकी दूसरी पुण्यतिथि पर आइए सुशांत राजपूत की मृत्यु के बाद हुई घटनाओं के बारे में जानने की कोशिश करते हैं.

मुंबई पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच

मुंबई पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला कि सुशांत राजपूत की मौत आत्महत्या करने की वजह से हुई थी. मुंबई के कूपर हॉस्पिटल में किए गए अभिनेता के शव परीक्षण में मौत की वजहों में फांसी की बात पता चली.

मुंबई पुलिस को कूपर हॉस्पिटस के डॉक्टरों ने भी बाद में बताया कि पोस्टमॉर्टम से 10-12 घंटे पहले सुशांत की मौत हो गई थी. उनकी मौत के एक दिन बाद, 15 जून को मुंबई के पवन हंस श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया.

इसके बाद सुशांत सिंह राजपूत के बहनोई ओपी सिंह ने इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि उन्हें संदेह है कि इस केस में कोई खेल है. हरियाणा में तैनात आईपीएस अधिकारी की 17 नवंबर 2021 को बिहार में एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी.

ओपी सिंह के अलावा बॉलीवुड अदाकारा कंगना रनौत, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने मुंबई पुलिस की जांच पर सवाल खड़े किए.

कंगना ने ट्विटर पर दावा किया कि सुशांत कुछ गंदे रहस्यों को जानता था और इसीलिए उसे मार दिया गया.

इसके चलते इस केस की सीबीआई जांच की मांग उठी थी. मांग उठाने वालों में बीजेपी सांसद रूपा गांगुली, सुशांत के पिता केके सिंह और उनकी दोस्त रिआ चक्रवर्ती भी शामिल थीं.

24 जून को सुशांत सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें कहा गया था कि उनकी बॉडी पर कोई निशान या बाहरी चोटें नहीं पाई गईं.

रिपोर्ट के मुताबिक सुशांत के गले में दाहिनी ओर कुछ निशान थे. रिपोर्ट में कहा गया कि ये निशान थायराइड लेवल पर गर्दन के चारों ओर मौजूद थे.

इसके बाद इस रिपोर्ट का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा स्टडी की गई, जिसके रिजल्ट सितंबर 2020 में सीबीआई को सौंपे गए थे.

केस Jurisdiction पर वॉर

29 जुलाई 2020 को सुशांत राजपूत के पिता ने पटना के राजीव नगर थाने में छह लोगों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें सुशांत की दोस्त रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के सदस्यों के नाम भी शामिल किए गए.

सुशांत के पिता ने रिया पर चोरी, ब्लैकमेल और आत्महत्या के लिए उकसाने समेत कई आरोप लगाए थे.

आईपीसी की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था, जिसमें 341 (गलत तरीके से रोक लगाने की सजा), 342 (गलत तरीके से कैद करने की सजा), 380 (घर में चोरी), 406 (आपराधिक विश्वासघात के लिए सजा), 420 (धोखाधड़ी), 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 120 (बी) (आपराधिक साजिश) शामिल हैं.

उसी दिन रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और जांच को मुंबई ट्रांसफर करने की मांग की. हालांकि, बिहार पुलिस मुंबई पहुंची, जिससे दोनों राज्यों के बीच क्षेत्राधिकार की जंग शुरू हो गई.

मुंबई पुलिस ने दावा किया कि उसे मुंबई में हुई मौत की जांच करने का विशेष अधिकार था, बिहार पुलिस ने अपनी जांच शुरू करने के लिए सुशांत के पिता द्वारा दर्ज एफआईआर का हवाला दिया.

इसके एक दिन बाद 30 जुलाई को, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिहार पुलिस से केस की डीटेल मांगी.

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मीडिया ट्रायल और SSR का डिजिटल आफ्टरलाइफ

जब मुंबई पुलिस, पटना पुलिस और ईडी द्वारा जांच चल रही थी तो कई टेलीविजन चैनलों ने सट्टा और असत्यापित साजिश के सिद्धांतों को ब्रोडकास्ट करना जारी रखा.

2019 से सुशांत की दोस्त रिया चक्रवर्ती को नेशनल चैनलों पर खूब दिखाया गया. इसके अलावा उन पर सुशांत की हत्या करने, उन्हें नशीला पदार्थ पिलाने, पैसे चुराने और सुशांत को अपने कंट्रोल में रखने के लिए काला जादू करने का आरोप लगाया गया था.

टीवी रिपोर्टर पूरे दिन उनके घर के बाहर खड़े रहते थे, उनके परिवार के सदस्यों, पड़ोसियों, बिल्डिंग सिक्योरिटी गार्ड्स और यहां तक ​​कि फूड डिलीवरी एजेंट्स को भी परेशान किया. जांच एजेंसियों द्वारा लीक की गई चुनिंदा व्हाट्सएप चैट्स को बिना किसी संदर्भ के टीवी पर लाइव पढ़ा गया.

10 अगस्त 2020 को, रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए आरोप लगाया कि मीडिया उन्हें अपराधी घोषित कर रहा है और गलत तरीके से मुकदमा चलाया जा रहा है.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 18 जनवरी 2021 को कहा कि किसी भी मामले की जांच के दौरान मीडिया ट्रायल जांच को प्रभावित करता है और केबल टीवी नेटवर्क रेगुलेशन एक्ट के तहत प्रोग्राम कोड का उल्लंघन करता है.

चीफ न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और जस्टिस गिरीश एस कुलकर्णी की बेंच ने यह फैसला कार्यकर्ताओं, वकीलों और गैर सरकारी संगठनों द्वारा दायर याचिकाओं पर पारित किया, जिसमें मामले में "मीडिया ट्रायल" के खिलाफ आदेशों पर रोक लगाने की मांग की गई थी.

लगभग उसी समय सोशल मीडिया की एक सेना ने सुशांत को उनकी मृत्यु के हफ्तों और महीनों बाद भी खबरों में बनाए रखा. #JusticeForSSR, #ArrestRhea #CBIForSSR जैसे हैशटैग आज तक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर टॉप ट्रेंड में हैं.

इन सोशल मीडिया यूजर्स ने सुशांत की मौत के बारे में साजिश के सिद्धांतों को प्रसारित किया. इनमें उनकी मौत को उनकी मैनेजर – दिशा सालियान और कई बॉलीवुड एक्टर्स और डायरेक्टर्स पर सुशांत को मारने का आरोप लगाया गया.

सुशांत राजपूत की मैनेजर सालियान का सुशांत की मौत से एक हफ्ते पहले 9 जून को निधन हो गया था. जबकि मुंबई पुलिस की जांच में पाया गया कि सालियना की मौत आत्महत्या से हुई थी और इसमें किसी तरह की गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं था. बीजेपी नेता नारायण राणे सहित कई सोशल मीडिया यूजर्स और राजनेताओं ने इस मौत के पीछे एक "राजनीतिक साजिश" की बात कही.

राणे ने आरोप लगाया कि उनके पास एक पेन ड्राइव और एक चश्मदीद गवाह हैं, जो यह साबित कर सकता है कि दिशा सालियान का पहले गैंगरेप किया गया उसके बाद उनकी हत्या की गई थी. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में एक मंत्री का बेटा भी कथित रूप से शामिल था.

सालियान के माता-पिता ने बाद में मंत्री के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया.

सीबीआई ने संभाला केस

केंद्र सरकार द्वारा 5 अगस्त 2020 को मामले की सीबीआई जांच के लिए एजेंसी ने चक्रवर्ती, उनके पिता इंद्रजीत, मां संध्या, भाई शोइक, राजपूत के हाउस मैनेजर सैमुअल मिरांडा और सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर श्रुति मोदी का नाम लिया.

ईडी ने 31 जुलाई को रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.

एनसीबी ने 4 सितंबर 2020 को चक्रवर्ती के भाई को गिरफ्तार किया, जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. चार दिन बाद 8 सितंबर को एनसीबी ने रिया को भी गिरफ्तार कर लिया.

सुशांत के लिए ड्रग्स की व्यवस्था करने के आरोप में एनसीबी ने सितंबर में चक्रवर्ती भाई-बहनों सहित कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया था.

रिया चक्रवर्ती को 28 दिन बाद 28 अक्टूबर 2020 को जमानत दे दी गई और बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने जमानत आदेश में कहा कि वह एक ड्रग सिंडिकेट की मेंबर नहीं थीं.

हाईकोर्ट के आदेश में कहा गया है कि उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि जमानत पर रहने के दौरान उसके कोई अपराध करने की संभावना नहीं है.

अर्जुन रामपाल, दीपिका पादुकोण, सारा अली खान और रकुलप्रीत सिंह सहित कई ए-लिस्ट बॉलीवुड हस्तियों की जांच के बाद, एनसीबी ने 5 मार्च 2021 को मामले में 12 हजार पेज की चार्जशीट दायर की.

8 अप्रैल 2022 तक सीबीआई ने एक आरटीआई के जवाब में कहा था कि मामले की अभी भी जांच चल रही है और इसकी डीटेल्स पब्लिक नहीं की जा सकती हैं.

एजेंसी ने अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं की है.

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