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सुशांत सिंह राजपूत की मौत के एक साल, 10 अनसुलझे सवाल

सुशांत के फ्लैट से पुलिस को कोई सुसाइड नोट नही मिला था. इसीलिए इस मामले को शक की नजर से देखा जाने लगा.

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अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के निधन को आज एक साल पूरा हो गया है. ठीक एक साल पहले 14 जून, 2020 की सुबह सुशांत अपने मुंबई के बांद्रा स्थित डुप्लेक्स फ्लैट में फांसी से लटके हुए मिले थे. 34 साल के एक नौजवान कलाकार की इस तरह की मौत ने सभी को चौंका दिया था, किसी को यकीन नहीं हुआ ये चमकता हुआ सितारा यूं खामोशी से दुनिया को अलविदा कह देगा.

सुशांत के फ्लैट से पुलिस को कोई सुसाइड नोट नही मिला था. इसीलिए इस मामले को शक की नजर से देखा जाने लगा. जाहिर है इस हाई प्रोफाइल केस ने जल्द ही तूल पकड़ लिया. देखते ही देखते मीडिया ट्रायल शुरू हो गया. सोशल मीडिया पर सवाल उठने लगे. सुशांत की आत्महत्या है या हत्या इसपर लोगों के मन मे संदेह पैदा कर दिया. जिसके बाद ये देश का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया.

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हालांकि आज एक साल बाद भी सुशांत की मौत की गुत्थी नहीं सुलझी है. सीबीआई, ईडी, एनसीबी जैसी देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसियां इस मामले की तफ्तीश में जुटी है. सुशांत के जीवन से जुड़े हर पहलू को खंगाला गया. लेकिन आज तक सुशांत की मौत एक राज ही बनी हुई है.

पिछले एक साल में इस मामले ने कई नाटकीय मोड़ लिए. इतने की कोई मर्डर मिस्ट्री थ्रिलर भी इसके सामने फीकी पड़ जाए. उसी से जुड़े 10 बड़े सवाल हम आज आपके सामने रखेंगे, जिसका अभी तक कोई भी लॉजिकल जवाब नही मिल पाया है.

1- डिप्रेशन में खुदकुशी ?

सुशांत की मौत के बाद मुंबई पुलिस ने ADR यानी एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट दर्ज किया था. सुशांत के नौकर और साथ रहनेवाले दोस्तों के बयान दर्ज करवाए. साथ ही सुशांत की बहन और पिता ने भी सुशांत के डिप्रेशन का जिक्र किया था. उस आधार पर तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने जानकारी दी थी की सुशांत मौत से पहले बायपोलर डिसऑर्डर और पेनलेस डेथ के बारे में गूगल सर्च करते थे. साथ ही डिप्रेशन की दवाइयों का सेवन करते थे. सुशांत की एक्स मैनेजर दिशा सालियान की मौत के बाद सुशांत काफी स्ट्रेस में रहने लगे थे.

2) सुशांत के साथ हुआ नेपोटिज्म ?

सुशांत की मौत के कुछ ही दिनों बाद अभिनेत्री कंगना रनौत ने एक वीडियो जारी कर सनसनी फैला दी. इस वीडियो में कंगना ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के भाई-भतीजे वाद का मुद्दा उठाया. उसे सुशांत की मौत से जोड़ते हुए बॉलीवुड की कई बड़ी हस्तियों का नाम उछाला. सुशांत की मौत के लिए यही लोग और इनका इंडस्ट्री में बाहर से आनेवाले कलाकारों के प्रति बर्ताव को जिम्मेदार ठहराया. जिसके बाद मुंबई पुलिस ने अपनी जांच को उस दिशा में आगे बढ़ाया.

तकरीबन एक महीने बाद इसकी जांच के लिए मुंबई पुलिस ने संजय लीला भंसाली, करण जौहर, आदित्य चोपड़ा, महेश भट्ट जैसे बड़े फिल्म मेकर्स के बयान दर्ज कराए. जिसके बाद सुशांत के फैंस ने नेपोटिज्म के चलते सोशल मीडिया पर जमकर भड़ास निकाली थी.

3) पैसों के लिए सुशांत की मौत?

सुशांत के पिता केके सिंह ये भी आरोप लगाया कि उनकी मौत पैसों के लिए हुई. आरोप लगाते हुए बिहार के पटना में शिकायत दर्ज करवाई. उन्होंने सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती पर सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया.

सुशांत के साथ रिया ने कंपनी खोली थी, इन कंपनियों में सुशांत के अकाउंट से करोड़ों रुपये टांसफर किए गए जाने का आरोप था. हालांकि मुंबई पुलिस के मुताबिक मौत से पहले सुशांत के अकाउंट में साढ़े चार करोड़ रुपये थे. उससे पहले 13 से 14 करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ था, लेकिन फॉरेंसिक जांच में कही पर भी रिया का नाम सामने नही आया था. हालांकि जांच तभी जारी थी.

4) ड्रग्स कनेक्शन?

इसके बाद सामने आए ड्रग्स का एंगल. रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शौविक चक्रवर्ती को एनसीबी ने गिरफ्तार किया. करीब एक महीने के बाद रिया की जमानत हुई थी. तो वहीं शौविक चक्रवर्ती को मुंबई के स्पेशल NDPS कोर्ट से तीन महीनों बाद जमानत मिली.

सुशांत का फ्लैटमेट सैम्युअल मिरांडा और स्टाफ दिपेश सावंत को भी एनसीबी ने ड्रग्स लाने और उसकी खपत करने के आरोप में हिरासत में लिया था. 

सुशांत के करीबी दोस्त और प्रोड्यूसर संदीप सिंह को भी इस मामले में घसीटा गया था. सुशांत की मौत के बाद संदीप सिंह का नाम कुछ चैनलों ने उछाला, जिसके बाद जांच एजेंसियों ने उनसे कई बार पूछताछ भी की. लेकिन कोई सबूत न मिलने पर उनपर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

दरअसल, इस हाई प्रोफाइल मामले में लगभग 30 लोगों से पूछताछ की गई. इसमे श्रद्धा कपूर, सारा खान, रकुलप्रीत सिंह और दीपिका पादुकोण जैसे बॉलीवुड के दिग्गज कलाकारों समेत निर्माता, टैलेंट मैनेजर्स और पीआर एजेंसियों से जुड़े लोगों की घंटों तक एजंसियों ने पूछताछ की.

हाल ही में सुशांत के करीबी दोस्त सिद्धार्थ पीठानी को भी हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिन एक साल के बाद भी एनसीबी सुशांत की मौत का रहस्य का खुलासा नहीं कर पा रही है.

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5) शिवसेना के मंत्री आदित्य ठाकरे शक के घेरे में?

बीजेपी सांसद नारायण राणे ने एक प्रेस कांफ्रेंस में सुशांत की मौत को दिशा सालियान की मौत से जोड़ते हुए सनसनीखेज आरोप लगाए थे. उनका इशारा साफ तौर पर सीएम उद्धव के बेटे और मंत्री आदित्य ठाकरे की तरफ था.

राणे और उनके बेटे विधायक नितेश राणे ने आरोप लगाया था कि सुशांत की हत्या राजनैतिक दबाव की वजह से हुई है. सुशांत की मौत के एक रात पहले उनके घर हुई पार्टी में इन लोगों की शिरकत का जिक्र हुआ. सुशांत के घर के बाहर के सीसीटीवी फुटेज भी गायब होने के आरोप लगाए गए.

लेकिन आदित्य ने एक स्टेटमेंट जारी कर सभी आरोपों का खंडन किया. इन आरोपों को राजनैतिक रूप से प्रेरित बताकर इस मामले से अपना पल्ला झाड़ने की पूरी कोशिश की. लेकिन मीडिया ट्रायल ने आखिर आदित्य को भी कुछ समय के लिए कटघरे में खड़ा किया था.

6) मुंबई पुलिस की जांच पर उठे सवाल?

सुशांत की मौत के बाद मुंबई पुलिस ने ADR रजिस्टर करते हुए प्राइमा फेसी इसे आत्महत्या करार दिया था. पोस्टमार्टम और विसरा रिपोर्ट में भी सुशांत की मौत दम घुटने से हुई थी, ये सामने आया था. लेकिन महीनों बाद पटना में सुशांत के पिता ने एफआईआर दर्ज की. पटना पुलिस मामले के तफ्तीश के लिए तुरंत सक्रिय हो गई और मुंबई में पटना की टीम रवाना कर दी गई थी. जिसके बाद मुंबई के बीएमसी ने जांच करनेवाले आला आईपीएस अधिकारी को क्वारंटीन कर दिया था.

फिर सीएम नीतीश कुमार के बयान के बाद केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार के बीच टकराव देखने को मिला. आखिरकार मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और सुशांत के मौत की जांच सीबीआई को सौंपी गई. जिसके बाद महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों के साथ आला अधिकारियों ने कई बार सार्वजनिक तौर पर कहा कि सुशांत के मामले को राजनैतिक रंग देकर महाराष्ट्र को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. बावजूद उसके कई कसौटियां पार करने के बाद भी सच्चाई सामने नहीं आ सकी.
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7) सीबीआई की जांच का क्या हुआ?

सीबीआई ने अगस्त 2020 में इस मामले की जांच शुरू की. सीबीआई की चार सदस्यीय टीम मुंबई पहुंची. सीबीआई ने रिया चक्रवर्ती, सुशांत के दोस्त सिद्धार्थ, घर के स्टाफ नीरज सिंह और दीपेश सावंत से पूछताछ की. सितंबर में सुशांत के घर जाकर सीबीआई टीम ने घटना का नाटकीय रूपांतरण भी किया. सीबीआई ने दिल्ली के एम्स अस्पताल से फोरेंसिक जांच करवाई. जिसकी रिपोर्ट में सामने आया कि सुशांत के शरीर पर कोई चोट नही थी. यह एक आत्महत्या का मामला है.


हालांकि बीजेपी के राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी सवाल उठा रहे थे कि आखिरकार सीबीआई सुशांत के मामले में तफ्तीश कब पूरी करेगी. लेकिन जवाब में सीबीआई ने बताया है कि जांच नवीनतम वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग करते हुए पेशेवर तरीके से हो रही है और अभी किसी भी पहलू को खारिज नही किया जा सकता.

पूर्व पुलिस अधिकारी वाय. पी. सिंह का भी कहना है कि, "आप किसी भी जांच एजेंसी को ऐसे नतीजों पर पहुचने के लिए मजबूर नहीं कर सकते, जिसे सबूत और तथ्यों का आधार ना हो. मुझे लगता है सीबीआई केस की मेरिट पर जांच कर रही है, जिसके लिए उनकी सराहना होनी चाहिए. लेकिन जल्द ही इस मामले में सीबीआई को क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करना होगा."

इसके अलावा क्विंट ने सीबीआई से इस मामले की जांच की मौजूदा स्थिति के बारे में पूछा. लेकिन सीबीआई से कोई जवाब नही मिला.

8) ईडी की जांच में क्या निकला ?

सुशांत सिंह के परिवार ने बिहार में दर्ज करवाए केस के आधार पर ईडी ने जांच शुरू की थी. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जांच को आगे बढाया. रिया और सुशांत के 25 दिनों के यूरोप दौरे में हुआ खर्चा ईडी के निशाने पर रहा. साथ ही रिया के 2018 से 2020 तक के आईटीआर के आधार पर रिया की कमाई की जांच हुई.


हालांकि किसी भी ट्रांजेक्शन से मनी लॉन्ड्रिंग का केस साबित नही हो पाया. घंटों चली पूछताछ का क्या नतीजा निकला ये आज भी किसी को नही पता.

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9) सुशांत मामले में बदनामी के लिए इस्तेमाल फेक ट्विटर बोट्स?

नवंबर 2020 में मुंबई पुलिस ने दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार और पुलिस को बदनाम करने के लिए देश - विदेश से लगभग डेढ़ लाख फेक ट्विटर हैंडल्स एक्टिवेट किये गए थे.

सुशांत की मौत के बाद सेकड़ों ऐसे ट्विटर अकाउंट्स शुरू हुए थे, जो गलत जानकारी फैला रहे थे. चीन, पनामा, नेपाल और हॉन्ग कॉन्ग जैसे देशों से इसे बोट्स द्वारा संचालित किया जा रहा था. ऐसा एक्सपर्ट्स की रिपोर्ट में सामने आया है.

10) #JusticeforSSR वाले कहां गए?

आज सुशांत की मौत को एक साल पूरा हो रहा है, फिर भी अनसुलझी पहेलियों की बड़ी लिस्ट है. देश का मुद्दा बने सुशांत की मौत को हर मुमकिन तरीके से मीडिया में उछाला गया.

इस बीच सुशांत के लिए इंसाफ मांगने की एक बड़ी मुहिम देश में उठी थी. मुंबई से लेकर बिहार और दिल्ली तक इसकी गूंज सुनाई दे रही थी. इतना ही नहीं बल्कि किसान आंदोलन को तवज्जो ना देनेवाले मीडिया चैनलों के लिए भी ये एक राष्ट्रीय मिशन बन गया था.

कैंडल मार्च से लेकर अनशन तक सभी प्रकार से विरोध प्रदर्शन हुआ था. सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई थी. लेकिन आज तक सुशांत की मौत राज ही है. इंसाफ की मांग करनेवाले फैंस भी उन सारे सवालों के जावाब की तरह गायब हो गए हैं.

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