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केरल के मल्लपुरम जिले के रहने वाले 43 साल के पत्रकार सिद्दिक कप्पन (Siddique Kappan) करीब ढाई साल के बाद लखनऊ जेल से बेल पर रिहा हो गए हैं. उनकी रिहाई से एक दिन पहले एक फरवरी को क्विंट से बातचीत में उनकी पत्नी ने कहा था-
कप्पन पिछले ढ़ाई सालों से जेल में थे और सुप्रीम कोर्ट ने UAPA केस में उन्हें सितंबर 2022 में बेल दिया था. इसके बाद दिसंबर 2022 में उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट से ED केस में भी जमानत मिल चुकी थी.
उनकी पत्नी रायहनाथ ने कहा कि,
रायहनाथ और उनके बच्चे इस वक्त लखनऊ में हैं. वे कप्पन के जेल से बाहर आने का इंतजार कर रहे थे. UAPA आदेशों के अनुसार, कप्पन के जेल से बाहर आने के बाद परिवार को 6 हफ्तों के लिए दिल्ली में रहना होगा, इसके बाद ही वे केरल में अपने घर लौट सकेंगे.
"बच्चे बहुत खुश हैं. वे इतने लंबे समय से उनकी रिहाई का इंतजार कर रहे हैं. 'इनु वरुम, नाले वरुम' (वह आज आएंगे, वह कल आएंगे) - ये सब वे पिछले कुछ महीने से सोच रहे थे."
पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर, कप्पन की बेटी मेहनाज ने अपने पिता की लंबी कैद पर अपने स्कूल में एक मार्मिक भाषण दिया था. इस भाषण में उसने कहा था कि,
रायहनाथ ने कहा कि एक बार जब वे केरल लौट आएंगे, तो पूरा ध्यान स्वास्थ्य के लिहाज से कप्पन को अपने पैरों पर वापस लाने पर होगा. "ये एक ऐसे व्यक्ति हैं जो ढाई साल से जेल की कोठरी में बंद हैं. हमें उनके स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है. वह बहुत आघात से गुजरे हैं." उन्होंने कहा कि उनके ठीक होने के बाद ही इस केस के बारे में कुछ सोचा जाएगा.
रायहनाथ ने इसपर भी बात की इन सालों में उनका और उनके परिवार का जीवन कितना कठिन रहा है.
लेकिन देरी के बावजूद रायहनाथ ने कहा कि न्याय प्रणाली में उनका विश्वास कम नहीं हुआ है. "मुझे न्याय प्रणाली में विश्वास है, और मुझे विश्वास है कि हम केस जीतेंगे."
उन्होंने द क्विंट से कहा, "केस, सुनवाई, फैसला - ये सभी चीजें अभी बाकी हैं, लेकिन मुझे राहत है कि वह बाहर होंगे और मेरी व मेरे बच्चों की तरफ होंगे."
अक्टूबर 2020 में सिद्दीकी कप्पन उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 साल की दलित लड़की के साथ रेप की खबर को कवर करने जा रहे थे, तभी उन्हें 3 लोगों के साथ रास्ते से गिरफ्तार किया गया था. उनके ऊपर आरोप है कि वे शांति भंग करने के इरादे से हाथरस आए थे.
कप्पन के जेल जाने के बाद, UAPA और देशद्रोह की धाराओं के तहत दूसरी FIR दर्ज की गई. पुलिस ने प्राथमिक जांच के आधार पर पहली FIR में कहा कि हाथरस में "शांति और कानून व्यवस्था भंग करने" के लिए एक आपराधिक साजिश रची जा रही थी.
पुलिस ने दावा किया कि कप्पन "जाति को विभाजित करने और कानून व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने के लिए बहुत दृढ़ इरादे" के साथ हाथरस जा रहे थे और उनके पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के साथ संबंध थे, जो अब एक प्रतिबंधित संगठन है.
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