केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन (Siddique Kappan Bail) को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के कुछ घंटों बाद, उनकी पत्नी रेहाना सिद्दीकी ने बयां किया कि पिछले दो साल, जबसे कप्पन जेल के सलाखों में कैद रहें, उनके और उनके परिवार के लिए कैसे रहे. उन्होंने कहा कि "मैं सच में खुश हूं. पिछले दो साल से हम मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से पीड़ित हो रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने (मेरे पति को) जमानत दे दी है, यह दिखाता है कि मामले में कोई दम नहीं है और यह हमारे लिए एक बड़ी राहत के रूप में सामने आया है".
"मैं कप्पन की पत्नी हूं. वह एक पत्रकार हैं, निर्दोष हैं और मुझे 100% विश्वास है कि वैसे व्यक्ति नहीं है जैसा की वे (पुलिस) दावा करते हैं. यही कारण है कि मैं अपना सिर ऊंचा करके खड़ी हूं, इसलिए मैं अपनी आवाज उठाई. मुझमें वह विश्वास था और अब यह सबके सामने है"सिद्दीकी कप्पन की पत्नी रैहाना सिद्दीकी
जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने पिछले दो वर्षों में अलग-अलग तरफ से आये दबावों से कैसे निपटा, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने "कोई बात नहीं" वाला रवैया बनाए रखा. उन्होंने कहा कि "लोग कई तरह की बातें करते थें, इसलिए मैं उसे एक कान से सुनती थी और दूसरे कान से बाहर निकाल देती थी. स्वाभाविक रूप से मुश्किलें आईं. मैं तो एक पत्नी हूं और यहां तक की हमारे बच्चों को भी झेलना पड़ा. लोगों ने हमारी मरी मां के बारे में भी बातें की हैं. लेकिन मैं उन कमेंट्स पर ध्यान नहीं दे रही हूं."
रेहाना ने उन लोगों को शुक्रिया कहा जिन्होंने इस मुश्किल समय में कप्पन और उनके साथ खड़े रहें.
""मुझे आशा है कि आप (मीडिया) सच्चाई के साथ खड़े रहेंगे. (कपिल) सिब्बल सर पहले दिन से हमारे साथ हैं और मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती कि मैं उनकी कितना आभारी हूं. और हैरिस सर (एड हैरिस बीरन) , केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (KUWJ), मेरे सभी पत्रकार मित्र- मैं इस मौके पर आप सभी को धन्यवाद देती हूं."सिद्दीकी कप्पन की पत्नी रैहाना सिद्दीकी
दूसरी तरफ केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (KUWJ) ने सुप्रीम कोर्ट के जमानत आदेश का स्वागत किया है और उत्तर प्रदेश सरकार पर मामले में देरी करने और उसे दबाने का आरोप लगाया है.
बता दें कि सिद्दीकी कप्पन को उत्तर प्रदेश के हाथरस जाते समय अक्टूबर 2020 में तब गिरफ्तार किया गया था जब वह 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या की रिपोर्टिंग करने जा रहे थे. पुलिस ने उन पर कथित आतंकी फंडिंग के लिए कड़े गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत आरोप लगाए थे.
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