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Sidhu Moosewala केस:लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़, शाहरुख, काला जत्थेड़ी कौन हैं?

Sidhu Moosewala हत्याकांड में जिन अपराधियों का नाम आया वो दिल्ली, पंजाब, हरियाणा राजस्थान के लिए सिरदर्द हैं.

सौम्या लखानी
भारत
Updated:
<div class="paragraphs"><p>Sidhu Moosewala केस में जिस लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम आया है उसका पूरा काला चिट्ठा</p></div>
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Sidhu Moosewala केस में जिस लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम आया है उसका पूरा काला चिट्ठा

(फोटो: उपेंद्र कुमार/क्विंट हिंदी)

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लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi), गोल्डी बराड़ (Goldy Brar), शाहरुख (Shahrukh), काला जत्थेड़ी (Kala Jathedi), काला राणा (Kala Rana),... सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड (Sidhu Moose Wala Murder) में अभी तक ये 5 नाम सामने आए हैं. ये पांचों 'L' कंपनी के सदस्य हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि 'L' कंपनी क्या है. तो 'L' कंपनी मतलब लॉरेंस बिश्नोई गैंग.

लेकिन, ये लोग हैं कौन? इनकी हिस्ट्री शीट क्या है? इन लोगों ने और कितने और कैसे अपराध किए हैं? इस वीडियो में आपको बताएंगे कि कैसे ये अपराधी दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए हैं.

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पंजाब के मनसा जिले के जवाहरके गांव के पास पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या करने के एक दिन बाद, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली की तिहाड़ जेल नंबर 8 में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से "पूछताछ" की. पुलिस ने काला जत्थेड़ी, काला राणा और शाहरुख नाम के एक शख्स से भी पूछताछ की है.

गैंग लीडर लॉरेंस बिश्नोई

30 साल के लॉरेंस बिश्नोई को पुलिस ने साल 2016 में गिरफ्तार किया. उस पर हत्या, हत्या के प्रयास, दबंगई, हमला, जबरन वसूली और डकैती सहित कम से कम दो दर्जन मामले चल रहे हैं. गिरफ्तारी के बाद, बिश्नोई राजस्थान की भरतपुर जेल में बंद था. लेकिन एक साल पहले महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) मामले के सिलसिले में उसे दिल्ली की मंडोली जेल लाया गया. इसके बाद दिल्ली की तिहाड़ जेल में उसका ट्रांसफर हुआ. अब वो वहीं जेल नंबर 8 में कैद है.

29 मई को मूसेवाला की हत्या के कुछ घंटे बाद ही पंजाब के डीजीपी वीके भावरा ने दावा किया था, "लॉरेंस बिश्नोई गिरोह इस हत्या में शामिल है". लॉरेंश बिश्नोई ने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से पढ़ाई की थी. वो करीब एक दशक पहले पंजाब यूनिवर्सिटी (एसओपीयू) के छात्र संगठन का अध्यक्ष था. बिश्नोई के खिलाफ पहली दो प्राथमिकी, 2010 में "हत्या के प्रयास" और "दबंगई" से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज की गई थी. SOPU के "छात्र नेता" वाले दिनों के बाद से बिश्नोई का अपराध की दुनिया में पैर लगातार मजबूत होता गया. उसके गैंग में अपराधियों की संख्या बढ़ती गई. फिर उसने गैंग का विस्तार भी कई इलाकों में कर लिया.

दिल्ली पुलिस के एक सोर्स ने द क्विंट को बताया कि “कई बार, जेल कैंपस में फोन या वीओआईपी (वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) के इस्तेमाल को लेकर बिश्नोई का नाम सामने आया है”. वीओआईपी इंटरनेट से वॉयस कॉल करने का एक तरीका है. इस फोन कॉल को ट्रेस करना रेगुलर फोन कॉल्स की तुलना में काफी कठिन होता है. दिल्ली पुलिस के सूत्र ने कहा, ' बिश्नोई जैसा बड़ा गैंगस्टर जेल के बाहर अपने साथियों से संपर्क करने के लिए फोन या वीओआईपी का इस्तेमाल खुद नहीं करता. कॉल करने के लिए आमतौर पर अपने करीबी को जेल के अंदर लाता है. ”

इंटरनेशनल अपराधी गोल्डी बराड़

लॉरेंस बिश्नोई गैंग का गुर्गा गोल्डी बराड़ कनाडा में है. गोल्डी बराड़ ने ही अपनी एक कथित कथित फेसबुक पोस्ट के माध्यम से मूसेवाला हत्याकांड की जिम्मेदारी ली थी. इस फेसबुक पोस्ट में लिखा गया था कि मूसेवाला को कथित तौर पर "विकी मिद्दुखेड़ा की मौत का बदला लेने" के लिए निशाने पर लिया गया. विकी मिद्दुखेड़ा अकाली दल के युवा नेता थे जिनकी अगस्त 2021 में हत्या कर दी गई थी.

"मोस्ट वांटेड अपराधी काला जत्थेड़ी

काला जत्थेड़ी को आज दिल्ली-NCR, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब का "मोस्ट वांटेड अपराधी" माना जाता है. 37 साल के कला जत्थेड़ी उर्फ संदीप पर डकैती, हत्या, हत्या के प्रयास और जबरन वसूली के कम से कम 40 मामले हैं. इसके ऊपर 6 लाख इनाम था लेकिन 30 जुलाई 2021 को पुलिस ने इसे धर दबोचा.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने काला जत्थेड़ी को अनुराधा चौधरी उर्फ "मैडम मिंज" या "रिवॉल्वर रानी" के साथ गिरफ्तार किया था. डीसीपी (स्पेशल सेल) मनीषी चंद्रा ने दावा किया था कि काला जत्थेड़ी और अनुराधा "ग्राउंड पर अपराध’ को अंजाम देते थे. ये जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और काला राणा, और गोल्डी बराड़ के साथ मिलकर काम करते थे.

पुलिस ने दावा किया कि अपराधियों का ये गैंग "हाई-प्रोफाइल जबरन वसूली, राज्यों में शराब की स्मगलिंग, अवैध फायर आर्म्स की तस्करी और जमीन पर कब्जा करने में शामिल था.

दोनों को पकड़ने के लिए, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम ने गोवा, गुजरात, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड में तलाशी चलाई. आखिरकार यूपी में सरसावा टोल, सहारनपुर-यमुना नगर राजमार्ग के पास से धर दबोचा.

डीसीपी चंद्रा ने कहा था कि यह ध्यान देने योग्य बात है कि काला जत्थेड़ी को 2012 में भी गिरफ्तार किया गया था. उस समय उसके खिलाफ 34 आपराधिक मामले दर्ज थे. डीसीपी ने कहा था कि 2020 में काला जत्थेड़ी हरियाणा पुलिस की हिरासत से फरार हो गया था.

शाहरुख

इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि 28 साल के शाहरुख ने पुलिस को बताया कि कुछ महीने पहले मूसेवाला को खत्म करने के लिए उसे कहा गया था, लेकिन मूसेवाला के भारी सुरक्षा इंतजाम रहने के कारण वो ऐसा करने में नाकाम रहा.

शाहरुख को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस साल 25 अप्रैल को उस समय पकड़ा था, जब वो अपने बोलेरो में दिल्ली के छतरपुर इलाके में घूम रहा था.

गिरफ्तारी के समय डीसीपी (स्पेशल सेल) मनीषी चंद्रा ने कहा था कि शाहरुख पहले दक्षिणी दिल्ली के कुख्यात शक्ति नायडू गिरोह के लिए काम करता था. बाद में नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के हाशिम बाबा गिरोह में चला गया. डीसीपी ने कहा था, "कोविड-19 महामारी के देखते हुए, शाहरुख को मई 2020 में एक आपातकालीन पेरोल पर जेल से रिहा किया गया था". इसके तुरंत बाद, उसके "गुरु" हाशिम बाबा को गिरफ्तार कर लिया गया, इसके बाद शाहरुख "सिंडिकेट की बागडोर संभालने लगा. वो पुलिस के रडार से गायब हो गया और ताबड़तोड़ जघन्य अपराध करने लगा. इस बीच जेल में रहते हुए ही हाशिम बाबा ने बिश्नोई और काला जत्थेड़ी से दोस्ती कर ली और शाहरुख भी इनका शागिर्द बन गया.

पुलिस का कहना है कि पेरोल पर बाहर आने के एक महीने बाद शाहरुख ने पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार में दिनदहाड़े एक व्यक्ति की हत्या कर दी. मार्च 2021 में, उसने दक्षिण दिल्ली के अंबेडकर नगर में गैंगवार में हत्या को अंजाम दिया. अपने विरोधी गिरोह के एक अपराधी पर 24 गोलियां दागी. शाहरुख के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और जबरन वसूली के कम से कम 10 मामले हैं.

काला राणा

लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के अपराधी न केवल भारत से अपना गैंग चला रहे थे बल्कि कुछ विदेश भाग गए थे. उनमें से एक वीरेंद्र प्रताप उर्फ काला राणा था. जुर्म की दुनिया में "टाइगर" नाम से कुख्यात 28 साल का काला राणा साल "2019 में एक नकली पासपोर्ट बनवाकर थाईलैंड चला गया.

उसे इसी साल 1 मार्च को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के समय, डीसीपी चंद्रा ने दावा किया था कि "काला राणा लॉरेंस बिश्नोई-काला जत्थेड़ी गैंग के कम्यूनिकेशन, फाइनेंस, और इन्वेस्टमेंट का पूरा काम करता था" . गोल्डी बराड़ के साथ "उसने जबरन वसूली, हत्या करके गैंग को खतरनाक बना दिया.

डीसीपी चंद्रा ने कहा था कि "काला राणा के इशारे पर 100 से अधिक शार्पशूटर काम करते थे. पुलिस ने काला राणा के सिर पर 1 लाख रुपये का इनाम रखा था. आठ साल पहले, काला राणा ने मोनू राणा के साथ दोस्ती की जो लॉरेंस की तरह SOPU का हिस्सा था.

2014 में, मोनू और कला राणा को अंबाला में एक हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था. उसने जेल में ही संपत नेहरा से दोस्ती की. संपत नेहरा वो शख्स है जिसने सलमान खान की हत्या की कथित साजिश का खुलासा किया था. तब काला राणा का नाम हेडलाइंस में आ गया था. साल 2019 में काला राणा देश से फरार हो गया. फिर जब साल 2021 में काला जत्थेड़ी को पुलिस ने दबोचा तो काला राणा की तलाशी तेज हुई और फिर इसी साल उसके हाथों में भी हथकड़ी लग गई.

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Published: 01 Jun 2022,02:51 PM IST

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