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कानपुर में कथित लव जिहाद के मामलों में गठित स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) ने आईजी रेंज को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. SIT को इन मामलों में विदेशी फंडिंग और संगठित साजिश के सबूत नहीं मिले हैं. SIT ने कुल 14 मामलों को अपनी जांच में शामिल किया है, इनमें से 11 मामलों में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. जबकि 3 मामलों में बालिग लड़कियों ने लड़कों के पक्ष में बयान दिया है, जिसकी वजह से फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई है, इनपर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
आईजी जोन मोहित अग्रवाल ने बताया कि SIT ने कथित लव जिहाद के इन मामलों में पाया कि 4 लड़कों का आपस में कनेक्शन था, जो एक दूसरे के लगातार संपर्क में थे और इन्होंने दूसरे धर्म की लड़कियों के साथ शादी की. इसके अलावा तीन मामलों में आरोपियों ने अपना नाम किसी और धर्म का बताया था.
दूसरे धर्म की लड़कियों से निकाह के लिए आरोपियों ने लड़कियों का नाम और धर्म परिवर्तित कराया है. नाम और धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया में कानून का पालन नहीं किया गया है और पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई करेगी.
बता दें कि इससे पहले 20 नवंबर को खबर आई कि उत्तर प्रदेश में जल्द ही 'लव जिहाद' के खिलाफ एक सख्त कानून लाया जाएगा. न्यूज एजेंसी एएनआई ने प्रदेश के गृह विभाग के हवाले से यह जानकारी दी है. गृह विभाग ने यह भी बताया है कि उसने कानून विभाग को इससे संबंधित एक प्रस्ताव भेजा है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि वह ‘लव जिहाद’ को सख्ती से रोकने के लिए प्रभावी कानून बनाएंगे. उन्होंने चेतावनी दी थी कि जो लोग बहू-बेटियों की इज्जत से खिलवाड़ करते हैं, वे अगर सुधरे नहीं तो ‘राम नाम सत्य है’ की उनकी अंतिम यात्रा निकलने वाली है.
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