advertisement
22 मार्च को 'जनता कर्फ्यू' के बीच दिल्ली में कुछ लोग अपने छज्जों और खिड़कियों से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का विरोध करेंगे. नागरिक संस्था ‘यूनाइटेड अगेन्स्ट हेट’ ने लोगों से अपील की है कि वे अपने घरों के छज्जों, खिड़कियों और दरवाजों से 22 मार्च को शाम 5 बजे सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करें.
‘यूनाइटेड अगेन्स्ट हेट’ के नदीम खान ने कहा, ‘‘पहले हम उन लोगों का शुक्रिया अदा करेंगे, जो (कोरोनावायरस) संक्रमित लोगों की देखभाल कर रहे हैं, जरूरी चीजों की आपूर्ति कर रहे हैं... और इसके बाद हम अपने छज्जों और खिड़कियों से एनआरसी और सीएए के खिलाफ पोस्टर दिखाएंगे और सरकार से एक अप्रैल से एनपीआर की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला वापस लेने की मांग करेंगे.’’
खान ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता वायरस से निपटना होना चाहिए और ‘‘हम सब इसी काम में एकजुट हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने लोगों से घरों में रहने को कहा है. वे लोग क्या करेंगे जिनके घर जला दिए गए और लूटे गए?’’एक सामाजिक कार्यकर्ता परवेज आलम ने कहा कि पूरी दुनिया स्वास्थ्य आपातकाल से संघर्ष कर रही है और सरकार को पहले इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री की पहल का स्वागत करता हूं और हम ‘जनता कर्फ्यू’ का पालन करेंगे, लेकिन हम बर्तन बजाकर एनपीआर और सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.’’
(इनपुट्स: PTI)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)