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Sonam Wangchuk का दावा- 'मुझे संस्थान में नजरबंद किया', पुलिस ने आरोपों को नकारा

पुलिस का कहना है कि उन्हें केवल खारदुंग ला के शीर्ष पर पांच दिन का उपवास करने से रोका गया है.

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<div class="paragraphs"><p>Sonam Wangchuk का दावा- 'मुझे संस्थान में नजरबंद किया', पुलिस ने आरोपों को नकारा</p></div>
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Sonam Wangchuk का दावा- 'मुझे संस्थान में नजरबंद किया', पुलिस ने आरोपों को नकारा

(फोटो - ट्विटर)

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इंजीनियर और इनोवेटर सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) का दावा है कि उन्हें लद्दाख में उनके संस्थान में नजरबंद कर दिया गया है. पुलिस ने इस आरोप से इनकार किया है. पुलिस का कहना है कि उन्हें केवल खारदुंग ला के शीर्ष पर पांच दिन का उपवास करने से रोका गया है.

लद्दाख के लोगों की मांगों पर केंद्र सरकार का ध्यान दिलाने के लिए सोनम वांगचुक ने 26 जनवरी से 18,380 फीट ऊंचे खारदुंग ला में भूख हड़ताल की घोषणा की थी.

उनकी मांगों में संविधान की छठी अनुसूची का विस्तार और अनियंत्रित इंडस्ट्रियल और कमर्शियल विस्तार से पर्यावरण संरक्षण शामिल है.

शनिवार 28 जनवरी को एक ट्वीट में सोनम वांगचुक ने एक बॉन्ड की एक कॉपी शेयर की, जिसमें अन्य बातों के अलावा एक वचन दिया गया था कि वह कोई टिप्पणी, बयान, सार्वजनिक भाषण नहीं देंगे, सार्वजनिक सभाओं में हिस्सा नहीं लेंगे या लेह जिले में हाल की घटनाओं से संबंधित किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे.

उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि वह हाउस अरेस्ट में थे, "वास्तव में हाउस अरेस्ट से भी बदतर"

"मैंने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 244 की छठी अनुसूची के तहत हिमालय, ग्लेशियर, लद्दाख और इसके लोगों को बचाने और सुरक्षित रखने के लिए पांच दिन के जलवायु उपवास की घोषणा की है. मुझे शुरू में बताया गया था कि पुलिसकर्मी मेरी सुरक्षा के लिए तैनात हैं और मैं इसे अन्यथा नहीं लिया."
सोनम वांगचुक

हालांकि, पुलिस ने उनके आरोपों का खंडन किया है.

लेह के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी.डी. नित्या ने कहा, "खारदुंग ला दर्रे पर तापमान शून्य से 40 डिग्री सेल्सियस नीचे गिरने के कारण उन्हें (वांगचुक) प्रशासन द्वारा पांच दिन का उपवास रखने की अनुमति नहीं दी गई थी."

उन्होंने कहा, "उनके और उनके फॉलोवर्स के लिए उस स्थान पर जाना बहुत जोखिम भरा था और इसलिए, उनसे उनके हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख (एचआईएएल) परिसर में अनशन करने का अनुरोध किया गया था."

पी.डी. नित्या ने कहा, कहा कि जब सोनम वांगचुक ने खारदुग ला की ओर बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने उसे रोक लिया और उनसे लौटने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने प्रतिरोध दिखाया और उन्हें अपने संस्थान में कानूनी कार्रवाई के तहत वापस लाया गया.

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