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सोनभद्र में हुए नरसंहार के एक गवाह ने चौंका देने वाला खुलासा किया है. गवाह राम राज्य के मुताबिक घटना वाले दिन, नरसंहार से ठीक पहले स्थानीय पुलिस स्टेशन के एक कॉन्सटेबल ने जमीन विवाद पर समझौते के लिए फोन किया था.
गवाह के मुताबिक, कॉन्सटेबल सत्यजीत ने कहा था कि अगर समझौता नहीं होता तो 'कुछ बड़ा' हो सकता है. कॉन्सटेबल को सस्पेंड कर दिया गया है.
इन बातों का खुलासा इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, गवाह राम राज्य को जैसे ही हमला होने का शक हुआ, उसने सोनभद्र एसपी सलमानताज जफरताज पाटिल को मदद के लिए फोन किया. लेकिन उसे पुलिस स्टेशन से संपर्क करने के लिए कहा गया.
राम राज्य के मुताबिक उसने एसपी को बताया कि प्रधान यज्ञदत्त कुछ साजिश रच रहा है. एस पी ने कहा कि पुलिस स्टेशन का इंस्पेक्टर मामले को हैंडल करेगा.
एसपी पाटिल ने राम राज्य के सभी आरोपों को नकारा है. एसपी ने राम राज्य की कॉल आने से भी इंकार किया है.
17 जुलाई को गुर्जर समुदाय के लोगों ने गोंड आदिवासियों पर जमीन के कब्जे को लेकर हमला कर दिया था. गांव के प्रधान यज्ञदत्त गुर्जर ने एक बड़ी जमीन खरीदी थी.
लेकिन इस पर पीढ़ियों से आदिवासी खेती कर रहे थे. प्रधान 200 से ज्यादा लोगों को लेकर इसी जमीन पर कब्जा करने के लिए गया था.
इस दौरान प्रधान के लोगों ने आदिवासियों पर बंदूक, डंडा, गंडासे और दूसरे हथियारों से हमला कर दिया. इसमें 10 लोगों की मौत हो गई. वहीं 24 से ज्यादा घायल हो गए. बता दें आज योगी आदित्यनाथ सोनभद्र जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगे.
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