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कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. सोनिया गांधी ने कहा कि लोकतंत्र को तानाशाही में बदलने की कोशिश की जा रही है.
स्वतंत्रता दिवस के 75वें वर्ष में प्रवेश करने वाले भारत के सामने चुनौतियों की ओर इशारा करते हुए गांधी ने कहा कि हाल के सालों में कई मोर्चों पर "हमारे देश की प्रगति का उल्टे रास्ते" पर चली गई है.
सोनिया गांधी ने लिखा है,
उन्होंने आगे लिखा,
सोनिया गांधी ने मॉनसून सत्र के दौरान संसद में हुए हंगामे पर भी अपनी बात रखी है. उन्होंने लिखा है, "हाल ही में संपन्न हुए संसद के मॉनसून सत्र ने संसदीय प्रक्रियाओं और आम सहमति बनाने के प्रति वर्तमान [मोदी] सरकार के तिरस्कार को प्रदर्शित किया. विपक्ष को बार-बार राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों को उठाने के अवसर से वंचित किया गया था- विनाशकारी कृषि कानून, संवैधानिक आंकड़े, राजनीतिक विरोधियों, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं से जुड़े डिवाइस को हैक करने के लिए सैन्य ग्रेड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल और बेरोजगारी. पिछले 7 सालों में तेजी से, सदन में बहस के बिना या एक समिति द्वारा जांच के बिना कानूनों को पारित किया गया है, प्रभावी रूप से संसद को रबर स्टैंप में बदल दिया गया है. जनता के जनादेश का अनादर करते हुए लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई राज्य सरकारों को गिरा दिया गया है. मीडिया को व्यवस्थित रूप से धमकाया गया है और सच बोलने की अपनी जिम्मेदारी को भूल जाने के लिए मजबूर किया गया है."
सोनिा गांधी ने कोरोना मिसमैनेजमेंट पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, "COVID-19 महामारी के मिसमैनेजमेंट से हेल्थ केयर क्षेत्र में सुधार के दशकों की प्रगति उलट गई है. अहंकार और खराब योजना के परिणामस्वरूप जीवन और आजीविका तबाह हो गई है. हम वैक्सीन को लेकर दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक होने पर गर्व करते हैं. लेकिन फिर भी आबादी के हिसाब से कम लोगों को ही वैक्सीन लगा है."
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