Home News India चिदंबरम की CBI हिरासत 4 दिन के लिए बढ़ी, जानिए-कोर्ट में क्या हुआ?
चिदंबरम की CBI हिरासत 4 दिन के लिए बढ़ी, जानिए-कोर्ट में क्या हुआ?
INX मीडिया मामले में पी चिदंबरम के केस की सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है.
क्विंट हिंदी
भारत
Published:
i
INX मीडिया मामले में पी चिदंबरम के केस की सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है.
(फोटो: IANS)
✕
advertisement
INX मीडिया मामले में कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम की सीबीआई हिरासत चार दिनों के लिए बढ़ा दी गई है. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है. अब 30 अगस्त को चिदंबरम को सीबीआई कोर्ट में पेश किया जाएगा.
सीबीआई ने कोर्ट से पी. चिदंबरम की पांच दिन की और रिमांड मांगी थी. कोर्ट ने सिर्फ चार दिन रिमांड पर भेजने की इजाजत दी. इससे पहले सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने गुरुवार 22 अगस्त को पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को INX मीडिया केस में 5 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया था. सीबीआई ने 21 अगस्त बुधवार रात ही चिदंबरम को उनके घर से गिरफ्तार किया था.
चिदंबरम मामले पर आज क्या-क्या हुआ?
सुप्रीम कोर्ट ने आज सीबीआई और ईडी से पी. चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सीबीआई पहले ही चिदंबरम को हिरासत में ले चुकी है, तो अब इसका कोई प्वॉइंट नहीं है. वहीं ईडी केस में कोर्ट ने चिदंबरम को गिरफ्तारी से दी गई राहत 27 अगस्त तक बढ़ा दी. कोर्ट में इस मामले पर मंगलवार को भी सुनवाई जारी रहेगी.
चिदंबरम की ओर से सीनियर वकील कपिल सिब्ब्ल ने अपनी बहस पूरी करने के बाद कहा कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के हलफनामे के जवाब में अपना हलफमाना दाखिल करेंगे.
सिब्बल ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर कहा कि बिना किसी एफिडेविट और दस्तावेज के ही फैसला सुना दिया गया. आखिर ये कैसे हुआ?
सिब्बल ने सुनवाई के दौरान चिदंबरम के बेटे कार्ति की संपत्ति जब्त किए जाने को लेकर कहा, कहीं भी ये नहीं गया कि आईएनएक्स ने 3.5 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी. जबकि कार्ति को सिर्फ 10 लाख रुपये देने का आरोप लगाया गया था. इसीलिए मनी लॉन्ड्रिंग में बताई गई रकम पर भी विवाद है.
सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सीबीआई ने भ्रष्टाचार वाले मामले में अभी तक चार्जशीट फाइल नहीं की है. तो अभी अपराध की पुष्टि कैसे हो सकती है?
सिब्बल ने ईडी वाले मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में कहा, जिस वक्त INX को 305 करोड़ रुपये विदेशी निवेश के तौर पर मिला था, तब FIPB के 6 सचिव भी इस मंजूरी को दिलाने में शामिल थे. इन सभी ने कभी भी कार्ति का नाम नहीं लिया.
सिब्बल ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई सबूत या दस्तावेज मौजूद थे तो उन्हें क्यों नहीं बताया गया? आखिर क्यों दिल्ली हाईकोर्ट के जजों के सामने सीलबंद लिफाफे में दस्तावेज सौंपे गए. सीबीआई चिदंबरम से पूछ रही है कि क्या आपका ट्विटर अकाउंट है? ये कैसे सवाल पूछे जा रहे हैं.
सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सीबीआई को अभी तक चिदंबरम के खिलाफ कुछ भी नहीं मिला है. ऐसे मामलों में ज्यादा से ज्यादा समयसीमा 7 साल की होती है. इसीलिए कानूनन आरोपी को बिना किसी बात के गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है.
ईडी की तरफ से आरोप लगाया गया है कि कार्ति चिदंबरम को कई शेल कंपनियों के जरिए पैसा पहुंचाया गया. जिसके ऐवज में चिदंबरम ने एफआईपीबी से आईएनएक्स मीडिया में विदेशी निवेश को मंजूरी दिलाने में मदद की थी. इसके जवाब में कपिल सिब्बल ने कहा कि ईडी की रिपोर्ट में चिदंबरम का नाम पहले स्थान पर नहीं रखा गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम से कहा कि वो रेगुलर बेल के लिए फिर से कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं. दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद अब रेगुलर बेल के लिए फिर से उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करनी होगी.