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श्रीलंका में अभूतपूर्व आर्थिक संकट (Sri Lanka economic crisis) के बीच, 16 श्रीलंकाई नागरिकों के राज्य के तटों पर पहुंचने के बाद तमिलनाडु में शरणार्थियों का कूच होने लगा है। मंगलवार को शरणार्थी दो जत्थों में तमिलनाडु पहुंचे।
एक पुरुष, पत्नी और उनके 4 महीने के बेटे और एक महिला और उसके 6 और 12 साल के बच्चों के परिवार सहित 6 लोग मंगलवार दोपहर पहुंचे, बाकी देर रात पहुंचे।
यह ध्यान दिया जा सकता है कि 1980 के दशक की शुरूआत में गृहयुद्ध ने श्रीलंका से लोगों की आमद शुरू कर दी थी और अब लगभग 60,000 शरणार्थी तमिलनाडु में फैले 107 शिविरों में रह रहे हैं । लगभग 30,000 अधिक इन शिविरों के बाहर या सामान्य समाज में रहते हैं।
राज्य में पहुंचे छह शरणार्थियों के पहले जत्थे की पहचान आर गजेंद्रन (24), उनकी पत्नी मैरी (23) और उनके चार महीने के बेटे निजाथ के रूप में हुई है। डोनी अरिस्टन (31) और उनके दो बेटे, एस्तेर (12) और मूसा (6) भी गजेंद्रन के परिवार के साथ थे। डोनी अपने पति को श्रीलंका में एक शरणार्थी के रूप में भारत की यात्रा करते हुए छोड़ गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने एक नाविक को 50,000 रुपये की राशि का भुगतान किया था, जिसने उन्हें मंगलवार की सुबह रामेश्वरम के पास एक रेत के टीले पर गिरा दिया था और बाद में भारतीय तट रक्षक द्वारा बचा लिया गया था। मंगलवार की देर शाम दस अन्य लोग भी तमिलनाडु पहुंचे लेकिन उनका विवरण उपलब्ध नहीं था।
पुलिस सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि शरणार्थियों को बुधवार को रामनाथपुरम की एक अदालत में पेश किया जाएगा।
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