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रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine Crisis) के बीच चल रहे युद्ध की वजह से लोगों की जिंदगियां दांव पर लगीं हैं. दुनियाभर में बढ़ते शरणार्थी संकट को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से भागने वाले रिफ्यूजियों की संख्या 1.5 मिलियन से अधिक हो गई है, जिससे यह दूसरे विश्वयुद्ध के बाद यूरोप का 'सबसे तेजी से बढ़ता शरणार्थी संकट' बन गया है.
आसमान से गिरते गोलों के बीच लोग अपने-अपने घरों से पलायन कर रहे हैं. यूक्रेनवासियों के लिए ये संकट अंधेरी सुरंग की तरह हो गया, जिसका मुंह तो खुला है, लेकिन इसका अंत कहां है कुछ भी पता नहीं चल रहा. लोगों को ये तक नहीं पता की घरों से निकलर जाना कहां है. ऐसे में जिसके पैर जिस दिशा में घूम गए वो उसी दिशा में बढ़ते चला जा रहा है.
दुनियाभर में बढ़ते शरणार्थी संकट को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से भागने वाले रिफ्यूजियों की संख्या 1.5 मिलियन से अधिक हो गई है, जिससे यह दूसरे विश्वयुद्ध के बाद यूरोप का 'सबसे तेजी से बढ़ता शरणार्थी संकट' बन गया है. रूस-यूक्रेन के बीच 24 फरवरी को शुरू हुई जंग को 10 दिन बीत चुके हैं.
UNHCR की प्रवक्ता शाबिया मंटू ने कहा कि लोग यूक्रेन छोड़कर पड़ोसी देशों में भागकर जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यूक्रेन से लोगों का पलायान इतने बड़े पैमाने पर हो रहा है कि यह इस सदी का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट है.
UNHCR के आंकड़ो के मुताबिक सीरिय गृहयुद्ध के दौरान 5.6 मिलियन से अधिक लोगों ने पलायान किया था. UNHCR के आंकड़ो के अनुसार 10 दिन में पलायन करने वाले लोगों की यह संख्या यूक्रेन की अबादी के 3 फीसदी से अधिक के बराबर है. विश्वबैंक ने साल 2020 के अंत में यहां की आबादी को 44 मिलियन बताया था.
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