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केरल के सबरीमाला में गुरुवार रात भगवान अयप्पा के मंदिर में 47 साल की श्रीलंकाई महिला ने प्रवेश किया और पूजा-अर्चना की.
इस बीच सबरीमाला मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश को लेकर केरल में शुक्रवार को भी हिंसक प्रदर्शन हुए. इस दौरान कई जगहों पर देसी बम फेंके गये.
सीएम ऑफिस के सूत्रों और पुलिस ने इस बात की पुष्टि की कि श्रीलंकाई महिला ने वास्तव में मंदिर में प्रवेश किया और पूजा की. इस बात को लेकर संदेह बना हुआ था कि क्या शशिकला नाम की महिला गुरुवार देर रात को मंदिर में पूजा करने में सफल रही थी, क्योंकि महिला ने शुक्रवार सुबह दावा किया था कि पुलिस ने उसे वापस भेज दिया था, जबकि श्रद्धालुओं का कोई प्रदर्शन नहीं हो रहा था.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि महिला ने मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया और वहां पूजा-अर्चना की. पुलिस ने बाद में शशिकला के मंदिर में दर्शन से संबंधित सीसीटीवी फुटेज भी जारी किये.
हालांकि यह साफ नहीं है कि क्या महिला गर्भगृह तक पहुंचने के लिये ‘‘पदीनेट्टमपदी'' (पवित्र 18 सीढ़ियां) चढ़ी थी. इस मामले में मंदिर परिसर के प्रभारी कन्नूर के महानिरीक्षक (आईजी) बलराम कुमार उपाध्याय से अभी संपर्क नहीं हो सका है.
शशिकला अपने पति सरवानन और बेटे के साथ दर्शन के लिये आयी थीं. उन्होंने पंबा में शुक्रवार सुबह पत्रकारों से कहा कि उन्हें मंदिर के अंदर जाकर पूजा करने की अनुमति नहीं मिली. करीब 40 साल की दो महिलाओं के बुधवार को मंदिर में प्रवेश को लेकर श्रद्धालुओं ने प्रदर्शन किया.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा कारणों के चलते शशिकला संभवत: कह रही हों कि वह पूजा नहीं कर सकीं. पुलिस ने बताया कि शुक्रवार सुबह करीब छह बजे पंबा पहुंचीं ट्रांसजेंडर कायल को पुलिस ने लौटा दिया और श्रद्धालुओं के प्रदर्शन के कारण उन्हें मंदिर परिसर के अंदर नहीं जाने दिया. उन्होंने बताया कि कायल साड़ी में आयी थीं और बाद में उन्होंने पुरुषों के कपड़े पहन लिये और ‘‘इरुमुदीकेट्टू'' के साथ मंदिर के अंदर जाने की कोशिश करने लगीं.
चार ट्रांसजेंडरों ने हाल में सबरीमला में पूजा की थी. जब से एलडीएफ सरकार ने पवित्र मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने का फैसला किया है, तब से मंदिर परिसर में दक्षिणपंथी संगठनों, बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ताओं का जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है.
पारंपरिक रूप से 10-50 साल की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है. इतिहास रचते हुए 40 साल की दो महिलाओं बिंदु और कनकदुर्गा ने दो जनवरी तड़के मंदिर में पूजा की थी. दोनों महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को केरल में हिंसक घटनाएं और प्रदर्शन हुए.
हिंदुत्व समर्थक समूहों के मंच सबरीमला कर्मा समिति और अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद ने भगवान अयप्पा के मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश के विरोध में गुरुवार को हड़ताल का आह्वान किया. इस दौरान हुए प्रदर्शनों से राज्य बुरी तरह प्रभावित हुआ.
पुलिस ने बताया कि अब तक कम से कम 1,369 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और हिंसक प्रदर्शनों के संबंध में 801 मामले दर्ज किये गये हैं. गुरुवार को हिंदू समर्थक संगठनों ने सुबह से शाम तक हड़ताल का आह्वान किया था.
(इनपुट: भाषा)
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