Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019"स्टेन स्वामी की मौत भारत के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर धब्बा"- UN एक्सपर्ट

"स्टेन स्वामी की मौत भारत के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर धब्बा"- UN एक्सपर्ट

UN की विशेष दूत मैरी लॉलर ने कहा - फादर स्टेन स्वामी का केस हर देश के लिए सबक है

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>5 जुलाई को Father Stan Swamy की हुई थी हिरासत में मौत </p></div>
i

5 जुलाई को Father Stan Swamy की हुई थी हिरासत में मौत

फोटो: Avishek goyal/Twitter

advertisement

संयुक्त राष्ट्र के एक मानवाधिकार एक्सपर्ट ने कहा कि भारत के पास फादर स्टेन स्वामी (Father Stan Swamy) जैसे मानवाधिकार के रक्षक को उनके अधिकारों से वंचित करने की कोई वैध वजह नहीं थी और उनकी हिरासत में मौत भारत के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर हमेशा के लिए एक दाग है.

15 जुलाई को जारी अपने बयान में UN की विशेष दूत मैरी लॉलर ने कहा कि फादर स्टेन स्वामी का केस हर देश के लिए सबक है कि उन्हें मानवाधिकारों के रक्षकों और बिना पर्याप्त कानूनी आधार के जेल में बंद लोगों को तुरंत रिहा करना चाहिए.

बता दें कि 84 वर्षीय फादर स्टेन स्वामी को पिछले साल एल्गार परिषद हिंसा - माओवादी लिंक के आरोप में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम,UAPA के अंतर्गत हिरासत में लिया गया था और 5 जुलाई 2021 को उनकी मौत मुंबई के हॉस्पिटल में हो गई.

"स्टेन स्वामी के मौत को सही सिद्ध करने के लिए कोई वजह नहीं"-मैरी लॉलर

मैरी लॉलर ने कहा कि चार दशकों से अधिक समय से प्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता और सामाजिक न्याय के पैरोकार के रूप में काम करने वाले कैथोलिक पादरी फादर स्टेन स्वामी की हिरासत में मौत हमेशा के लिए भारत के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर एक दाग रहेगी. उन्होंने कहा,

"एक मानवाधिकार रक्षक को आतंकवादी के रूप में बदनाम किए जाने के लिए कभी भी कोई बहाना सही नहीं हो सकता. जिस तरह से फादर स्टेन स्वामी की मौत हुई ,उन पर आरोप लगाया गया और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित किया गया, उसके लिए कोई वैध वजह नहीं है."
मैरी लॉलर,UN की विशेष दूत

उन्होंने दावा किया कि "स्टेन स्वामी को मनगढ़ंत आतंकवाद के आरोपों पर पिछले साल अक्टूबर में जेल में डाल दिया गया था" और "उत्पीड़न और बार-बार पूछताछ की गई थी"

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

मामले में कानून का पालन किया गया - भारत

दूसरी तरफ भारत ने स्टेन स्वामी को लेकर हो रही अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं को पहले ही सिरे से खारिज कर दिया था. विदेश मंत्रालय ने स्टेन स्वामी की मृत्यु के तुरंत बाद एक बयान में कहा,

"स्टेन स्वामी को कानून के तहत उचित प्रक्रिया के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया गया और हिरासत में लिया गया था. उनके खिलाफ आरोपों के विशिष्ट प्रकृति के कारण उनकी जमानत याचिकाओं को अदालतों ने खारिज कर दिया था. भारत में अधिकारी कानून के उल्लंघन के खिलाफ काम करते हैं ना कि अपने कानूनी अधिकारों के प्रयोग के खिलाफ. यह कार्रवाई कानून के अनुसार थी"
भारतीय विदेश मंत्रालय

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT