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बुलंदशहर में भीड़ की हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध सिंह का पूरा परिवार गम में डूबा हुआ है. उनकी पत्नी का बुरा हाल है. उनकी पत्नी कहती रहीं कि उन्हें एक बार अपने पति को छूने दिया जाए.उनके छोटे बेटे ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम विवाद में उसके पापा की जान चली गई. अब किसके पापा की जान जाएगी.
सुबोध सिंह की पत्नी का कहना है कि मुझे एक बार अपने पति को देखने दो. वहीं उनकी बहन ने आरोप लगाया गया सुबोध सिंह दादरी के अखलाक कांड की जांच कर रहे थे और उन्हें बराबर धमकियां मिल रही थीं. इस वजह से वह लोगों की आंखों की किरकिरी बन गए थे. उन्हें पुलिस वालों ने ही मार डाला.
सुबोध सिंह के बड़े बेटे श्रेय सिंह ने कहा कि पापा चाहते थे कि वह सिविल सर्विस में जाए. वह मुझे अच्छा इंसान बनाना चाहते थे. वह चाहते थे कि मैं यूपीएससी की तैयारी करूं. पापा जॉब के चलते बर्थडे में भी घर नहीं आते थे. उन्हें धमकियां मिलतीं थीं. श्रेय ने कहा कि पिता चाहते थे कि मेरा छोटा भाई अभिषेक अच्छा वकील बने.
सुबोध सिंह के छोटे बेटे अभिषेक ने कहा
सुबोध सिंह की हत्या से गम और गुस्से में डूबे उनके परिवार ने मुआवजा न लेने की धमकी दी. सुबोध सिंह की बहन ने कहा कि हमें मुआवजा नहीं इंसाफ चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि सुबोध सिंह दादरी के अखलाक कांड की जांच कर रहे थे. इसलिए उन पर लगातार दबाव था.
सुबोध सिंह की बहन सुधा सिंह ने कहा गोरक्षा के नाम पर मुख्यमंत्री योगी सिर्फ बातें कर रहे हैं. वह खुद क्यों नहीं गोरक्षा करके दिखाते हैं? उन्होंने मांग की कि मेरे भाई को शहीद का दर्जा दिया जाए. एटा के पैतृक गांव में उनका शहीद स्मारक बनाया जाए.
सुबोध की बहन ने कहा कि हमारे पिता भी ऐसे ही ड्यूटी करने के दौरान गोली लगने से शहीद हुए थे. हम लोग बहुत बहादुर हैं. उन्होंने सीएम योगी से मांग की है कि वे उनके परिवार से आकर मिलें.
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