- 3 दिसंबर को बुलंदशहर में गोकशी की खबरों को लेकर हुई थी हिंसा
- इस हिंसा में एक इंस्पेक्टर और एक अन्य युवक की मौत हो गई थी
- इस मामले में पुलिस ने FIR में 27 लोगों को नामजद किया गया है जबकि 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है
- मामले में अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है
- घटना का मास्टमाइंड और बजरंग दल से ताल्लुकात रखने वाला योगेश राज अब तक फरार
- मुख्यमंत्री योगी ने समीक्षा बैठक में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई हिंसा के मामले में कथित संलिप्तता को देखते हुए पुलिस ने मंगलवार को चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. हालांकि, बजरंग दल का नेता और घटना का मुख्य आरोपी योगेश राज अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
पुलिस ने मंगलवार को कहा कि चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है लेकिन मुख्य आरोपी, बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज फरार है. उन्होंने बताया कि प्राथमिकी में 27 लोगों को नामजद किया गया है जबकि 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि 27 में से कम से चार व्यक्ति बजरंग दल जैसे दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ता और पदाधिकारी हैं.
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मृतक सुमित के पिता बोले, तीन दिन से कुछ नहीं खाया
बुलंदशहर में हुई हिंसा के दौरान गोली लगने से मारे गए युवक सुमित के पिता ने सरकार को चुनौती दी है. उनका कहना है कि पिछले तीन दिनों से उन्होंने कुछ भी नहीं खाया है. उन्होंने कहा, जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं की जाती और सुमित का नाम एफआईआर से नहीं हटाया जाता तब तक हम खाना नहीं खाएंगे. चाहे अंत में हमारी मौत भी हो जाए.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से साफ हुई इंस्पेक्टर की मौत की वजह
बुलंदशहर में हुई हिंसा के दौरान अपनी जान गंवाने वाले इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ चुकी है. जिसमें पता चला है कि उनके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान थे. साथ ही किसी धारदार हथियार से उन पर वार किया गया. इसके अलावा रिपोर्ट में गोली लगने से उनकी मौत होने की बात है.
बुलंदशहर हिंसा | मुख्य आरोपी योगेश राज ने वीडियो जारी कर दी सफाई
बुलंदशहर हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज ने वीडियो जारी कर सफाई दी है. योगेश राज ने कहा है कि पुलिस उसे मुख्य आरोपी के तौर पर पेश कर रही है, जबकि उसका हिंसा की घटना से कोई लेना देना नहीं है.
योगेश राज ने वीडियो में कहा-
मैं योगेश राज जिला संयोजक बजरंग दल, बुलंदशहर. जैसा कि आप बुलंदशहर के स्याना में हुए गोकशी प्रकरण को देख रहे होंगे. पुलिस मुझे इस प्रकार पेश कर रही है, जैसे कि मेरा कोई बहुत बड़ा आपराधिक इतिहास हो. मैं आप सब लोगों को ये बताना चाहता हूं कि उस दिन दो घटनाएं हुईं थी. पहली घटना स्याना के पास एक गांव महाव में गोकशी की हुई, जिसकी सूचना पाकर मैं अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचा. प्रशासनिक लोग भी वहां पहुंचे थे. मामले को शांत करने के बाद हम लोग स्याना थाने में मुकदमा लिखवाने आ गए. थाने में बैठे-बैठे जानकारी मिली कि उस स्थान पर ग्रामीणों ने पथराव कर दिया है, वहां पर फायरिंग हुई है, जिसमें एक युवक को गोली लगी है और एक पुलिस वाले को भी गोली लगी है. मेरा सवाल ये है कि जब हमारी मांग पर स्याना थाने में मुकदमा लिखा जा रहा था, तो बजरंगदल किसी भी तरह का विरोध प्रदर्शन क्यों करता? जहां पर प्रदर्शन हुआ, वहां मैं मौजूद नहीं था, उस घटना से मेरा कोई लेना देना नहीं है.
बुलंदशहर के कथित गोकशी मामले में पुलिस ने बच्चों को बनाया आरोपी
बुलंदशहर में स्याना के कथित गोकशी मामले में पुलिस ने बच्चों को आरोपी बनाया है. गोकशी के मामले में आरोपी बनाए गए बच्चों की उम्र 10-11 साल है. बच्चों के पिता का कहना है, ‘मेरे बेटे शाजिद की उम्र 10-11 साल है और भतीजे अनस की उम्र भी लगभग इतनी ही है. पुलिस हमको परेशान कर रही है. पुलिस का कहना है कि इनका नाम गोकशी में है.’