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नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टॉवरों को गिराने (Supertech twin-tower demolition) में 3700 किलो विस्फोटक प्रयुक्त होगा. विस्फोटक लगाने के लिए दोनों टॉवरों में करीब 10 हजार सुराख (हॉल) किए गए हैं. विस्फोटक लगाने का काम 2 अगस्त से प्रारंभ हो जाएगा
विस्फोटक नागपुर से खरीदा गया है, जो हरियाणा के पलवल में सुरक्षित स्थान पर रखा गया है. पलवल से रोजाना दो गाड़ियां पुलिस सुरक्षा में विस्फोटक लेकर नोएडा सेक्टर-93 तक लाएंगी, जहां दोनों टॉवर खड़े हैं. एक गाड़ी में जिलेटिन की रॉड और दूसरी गाड़ी में डेटोनेटर होंगे. पलवल से नोएडा तक यह रूट कौन सा होगा, इसे गोपनीय रखा गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दोनों टॉवर 21 अगस्त को गिराए जाने हैं.
31 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट के 40 मंजिला दोनों टॉवरों को अवैध करार देते हुए इन्हें गिराने का आदेश जारी किया था. ओरिजनल प्लान में 14 मंजिल का नक्शा पास हुआ था, लेकिन समय के साथ इनकी ऊंचाई बढ़ती गई. आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने दोनों टॉवर अवैध करार दिए थे. टॉवर गिराने का जिम्मा एडिफिस इंजीनियरिंग और जेट डिमोलिशन कंपनी को मिला है.
नोएडा प्राधिकरण के जीएम (प्लानिंग) इश्तियाक अहमद ने बताया, सुपरटेक एमरॉल्ट टॉवर में 660 और सुपरटेक एटीएस टॉवर में 736 फ्लैट बने हैं. ये दोनों टॉवर 21 अगस्त 2022 को जमींदोज हो जाएंगे. सुपरटेक ने एयरपोर्ट अथॉरिटी और भारतीय वायुसेना को पत्र लिखकर कहा है कि 21 अगस्त की दोपहर 2 से 3 बजे तक 10 किलोमीटर के एडियस में नो फ्लाइंग जोन घोषित किया जाए. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि ब्लास्ट के बाद धूल का गुबार आसमान में 300 मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है. वहीं आसपास के एरिया में दोपहर 2 से 3 बजे तक पॉवर कट भी रहेगा.
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