Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019SC, जजों की नियुक्ति पर केंद्र पर सख्त, कहा-'कार्रवाई के लिए मजबूर ना करें'

SC, जजों की नियुक्ति पर केंद्र पर सख्त, कहा-'कार्रवाई के लिए मजबूर ना करें'

पीठ ने कहा कि ट्रांसफर में सरकार की बहुत कम भूमिका होती है फिर इसमें देरी समझ से परे है.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>जजों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है.</p></div>
i

जजों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है.

(फोटो-क्विंट हिंदी)

advertisement

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के ट्रांसफर और नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है. कोर्ट ने कॉलेजियम द्वारा भेजे गए नामों की मंजूरी में देरी को लेकर सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, ''परिणामस्वरूप प्रशासनिक और न्यायिक दोनों तरह की कार्रवाई हो सकती है.'' जस्टिस एस के कौल और ए एस ओका की पीठ ने केंद्र की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से कहा, "हमें कोई स्टैंड न लेने दें, जो बहुत असुविधाजनक हो."

कोर्ट ने एजी से सवाल किया कि केंद्र के पास लंबित सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के लिए 7 नामों की स्थिति क्या है? इस पर अटार्नी जनरल ने कहा, ''यह हो रहा है", लेकिन कोई तय तारीख नहीं है.

दरअसल, कोर्ट अधिवक्ता संघ बेंगलुरु की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. याचिका में न्यायालय द्वारा निर्धारित समयसीमा के भीतर कॉलेजियम द्वारा भेजे गए नामों को मंजूरी देने में देरी पर सरकार के खिलाफ अदालती कार्यवाही की अवमानना की मांग की गई है.

'ये बहुत गंभीर मसला है'

पिछली सुनवाई में, अदालत ने सरकार के पास लंबित हाईकोर्ट के 10 न्यायाधीशों के ट्रांसफर की सिफारिशों पर "अत्यधिक चिंता" व्यक्त की थी, और कहा था कि "इसे लंबित रखने से बहुत गलत संकेत जाता है.''

न्यायमूर्ति कौल ने वेंकटरमणी से कहा: "कुछ हमें बहुत परेशान कर रहा है. मैंने पिछली बार आदेश में इसका जिक्र किया था. यदि न्यायाधीशों द्वारा जारी ट्रांसफर आदेश को लागू नहीं किया जाता है, तो आप हमसे क्या चाहते हैं? यदि हम यह तय करते हैं कि किसी को "अदालत" में काम करना चाहिए और आप इसे लंबित रखते हैं, तो यह मेरे हिसाब में बहुत ही ज्यादा गंभीर है.''

कोर्ट ने केंद्र को चेताया

एजी ने अदालत से मामले की सुनवाई को कुछ समय के लिए टालने का आग्रह किया. न्यायमूर्ति कौल ने एजी से कहा: "आप हमें कठिन निर्णय लेने पर मजबूर कर रहे हैं. मैं नई नियुक्ति में देरी समझ सकता हूं. लेकिन ट्रांसफर? यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है.”

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

नामों की मंजूरी में देरी पर जताई चिंता

पीठ ने कहा कि न्यायाधीशों के एक अदालत से दूसरी अदालत में ट्रांसफर में सरकार की बहुत कम भूमिका होती है फिर इसमें देरी समझ से परे है. जस्टिस कौल ने कहा, "पांच नाम दिसंबर में और 2 हाल में भेजे गए थे, हम फरवरी में हैं लेकिन अब तक इन पर कुछ नहीं हुआ."

अटॉर्नी जनरल ने कहा कि प्रक्रिया जारी है और नियुक्ति के लिए वारंट बहुत जल्द जारी किया जाएगा. इस पर पीठ ने पूछा-ये कब तक पूरा हो जाएगा, तो वेंकटरमणि ने कहा कि "यह हो रहा है" और कोई तय तारीख नहीं है.

जस्टिस कौल ने आगे कहा, ''देखिए, ये न्यायिक कार्यवाही हैं. मैं प्रशासनिक काम नहीं कर रहा हूं जहां मैं ठीक कह सकूं." वेंकटरमणि ने दोहराया कि यह जल्द ही होगा. पीठ ने तब अटॉर्नी जनरल से कहा, ''आम तौर पर आप सही हैं. लेकिन जब चीजें सालों से एक साथ नहीं हो रही हैं तब…” इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा, 'इसका मतलब यह नहीं है कि ऐसा नहीं किया गया है.'

कोर्ट ने आदेश में कहा यह अधिकतम 5 दिनों में किया जाए. पीठ ने कहा, "चीफ जस्टिस के कुछ ट्रांसफर लंबित हैं और उनमें से एक न्यायाधीश 19 दिन बाद रिटायर हो रहा है. आप चाहते हैं कि CJ के रूप में नियुक्त हुए बिना ही वो रिटायर हो जाएं?”.

एक हफ्ते बाद होगी सुनवाई

इस दौरान एक वकील ने कहा कि अदालत पर बाहर से "हमला" किया जा रहा है, तो न्यायमूर्ति कौल ने टिप्पणी की कि इसे संभालने की आदत है. जस्टिस ओका ने कहा, ''हम और भी अहम मुद्दों को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं.'' कोर्ट एक सप्ताह बाद फिर से मामले की सुनवाई करेगी. पीठ ने उम्मीद जताई कि इससे पहले कुछ अच्छी खबर आ जाएगी.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT