Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा-J&K में 4G सेवा बहाल की जा सकती है?

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा-J&K में 4G सेवा बहाल की जा सकती है?

शीर्ष अदालत ने जोर देकर कहा कि अब इस मामले में और ज्यादा देरी नहीं करनी चाहिए

IANS
भारत
Published:
(फोटो: कामरान अख्तर / द क्विंट)
i
null
(फोटो: कामरान अख्तर / द क्विंट)

advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से पूछा कि संबंधित अधिकारियों को केंद्रशासित प्रदेश के चयनित क्षेत्रों में 4जी सेवा को बहाल करने की संभावना को लेकर एक निश्चित रुख के साथ सामने आना चाहिए.

शीर्ष अदालत ने जोर देकर कहा कि अब इस मामले में और ज्यादा देरी नहीं करनी चाहिए. न्यायमूर्ति एन.वी. रमना, न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की पीठ ने सॉलिस्टिर जनरल तुषार मेहता से कहा-

"जो निर्णय लिया गया, उसका आधार क्या है. क्या इस बात की संभावना है कि कुछ क्षेत्रों में 4जी सेवा को बहाल किया जा सकता है? क्या ऐसा कुछ है, जो कुछ किया जा सके?"
सुप्रीम कोर्ट की बेंच

इसके जवाब में मेहता ने कहा कि "मामले में समीक्षा के लिए निर्देशों का अनुपालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा है कि जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल को बदल दिया गया है. हमें आदेश प्राप्त करने के लिए और प्रतिक्रिया दाखिल करने के लिए समय की जरूरत है."

शीर्ष अदालत ने मेहता से कहा कि मामले को फिर से टालने का कोई मतलब नहीं है. साथ ही अदालत ने कहा कि अटॉर्नी जनरल को मामले की अगली सुनवाई के वक्त केंद्र का पक्ष निश्चित ही रखना चाहिए.

इससे पहले, फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशनल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने कहा कि मेहता जम्मू एवं कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश की तरफ से पेश हुए थे. उन्होंने कहा- "सुनवाई के अंतिम दिन, उन्होंने कहा था कि वह याचिकाकर्ता द्वारा दाखिल किए गए रिज्वांइडर के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं.इससे प्रतीत होता है कि वे समय ले रहे हैं."

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

पीठ ने पाया कि याचिकाकर्ता तत्कालीन उपराज्यपाल द्वारा दिए बयान पर निर्भर कर रहे हैं, लेकिन वे अब नहीं हैं. पीठ ने अहमदी से कुछ और दिन इंतजार करने के लिए कहा.

पीठ ने कहा, "हम यह देखना चाहते हैं कि सरकार क्या चाहती है. तब हम देखेंगे कि कोई अवमानना हुई है."

अदालत ने मामले को अगले हफ्ते के लिए आगे बढ़ा दिया दिया था.

सुप्रीम कोर्ट दरअसल कोर्ट के आदेश की अवहेलना की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. कोर्ट ने जम्मू एवं कश्मीर में इंटरनेट पाबंदी के लिए एक विशेष समिति गठित करने का आदेश दिया था, जिसकी अवहेलना को लेकर कोर्ट मामले की सुनवाई कर रही थी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT