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देश के चीफ जस्टिस एनवी रमना (NV Ramana) की अध्यक्षता में कॉलेजियम (Collegium) ने नौ जजों को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त करने का आधिकारिक सुझाव भेज दिया है. अगर सुझाव मान लिया जाता है तो चीफ जस्टिस की रेस में तीन और जज जुड़ जाएंगे. साथ ही भारत को पहली महिला चीफ जस्टिस भी मिल सकती हैं.
इंडियन एक्सप्रेस ने 18 अगस्त को बताया था कि कर्नाटक हाई कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्ना पहली महिला चीफ जस्टिस बन सकती हैं. CJI बनने की लाइन में दो नाम गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस विक्रम नाथ और वरिष्ठ वकील पीएस नरसिम्हा का है.
नौ नामों के सुझाव के साथ ही कॉलेजियम में 22 महीनों से चल रहा गतिरोध खत्म हो गया है. रोहिंग्टन नरीमन के रिटायर होते ही कॉलेजियम ने जजों की नियुक्ति के लिए आधिकारिक रूप से सुझाव भेज दिया है.
ये दो सबसे वरिष्ठ जज हैं- कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ओका और त्रिपुरा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अकिल कुरैशी.
CJI रमना के 26 अगस्त 2022 को रिटायर होने के बाद इस पद के लिए वरिष्ठता सूची में अगला नंबर जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्य कांत का है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, 2027 में जस्टिस सूर्य कांत के बाद मौजूदा समय में गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस विक्रम नाथ CJI का पद संभाल सकते हैं. उनका कार्यकाल सिर्फ सात महीने का होगा और सितंबर 2027 में खत्म हो जाएगा.
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने 18 अगस्त को उन मीडिया रिपोर्ट्स की कड़ी आलोचना की, जिसमें दावा किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने शीर्ष अदालत में नियुक्ति के लिए नौ जजों की सिफारिशों की एक सूची को अंतिम रूप दिया है.
18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए जस्टिस नवीन सिन्हा के कार्यक्रम में बोलते हुए सीजेआई ने कहा कि "मीडिया के कुछ वर्गों में, जबकि प्रक्रिया अभी लंबित है, प्रस्ताव को औपचारिक रूप देने से पहले ही अटकलबाजी करना प्रतिकूल है".
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