Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019"सुप्रीम कोर्ट ने संविधान हाईजैक किया"- किरेन रिजिजू ने जज का बयान किया शेयर

"सुप्रीम कोर्ट ने संविधान हाईजैक किया"- किरेन रिजिजू ने जज का बयान किया शेयर

Supreme court vs Govt: जस्टिस सोढ़ी को 1999 में दिल्ली हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया और वे 2007 में रिटायर हुए.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>"सुप्रीम कोर्ट हाईजैक हो गया है"- किरेन रिजिजू ने  पूर्व जज का बयान शेयर किया</p></div>
i

"सुप्रीम कोर्ट हाईजैक हो गया है"- किरेन रिजिजू ने पूर्व जज का बयान शेयर किया

(फोटो: Altered by क्विंट हिंदी)

advertisement

जजों की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट और सरकार (Supreme Court vs Govt) के बीच कड़वाहट लगातार बढ़ती जा ही है. आए दिन कभी सरकार तो कभी कोर्ट की तरफ से कोई ऐसा बयान आ जाता है, जिससे दोनों के आमने-सामने नजर आते हैं.

ताजा मामले में कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज का इंटरव्यू क्लिप शेयर किया, जिसमें वे कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने जजों की नियुक्ति से संविधान को हाईजैक कर लिया है. इसके बाद उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि "ज्यादातर लोग इसी समझदार विचार के हैं."

"सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार संविधान को हाईजैक किया"

शनिवार को किरण रिजिजू ने जो क्लिप शेयर किया उसमें दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज आरएस सोढ़ी कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि, "सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार संविधान को हाईजैक किया है. सुप्रीम कोर्ट कहता है कि ये जजों की नियुक्ति करेगा और इसमें सरकार को बोलने का कोई अधिकार नहीं है". ये इंटरव्यू यूट्यूब पर 23 नवंबर 2022 को अपलोड किया गया था. जस्टिस सोढ़ी को 1999 में दिल्ली हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया और वे 2007 में रिटायर हुए. अब वे सु्प्रीम कोर्ट में आपराधिक मामलों के मुख्य वकील हैं. रिजिजू ने शनिवार को अपने ट्वीट में कहा कि,

"एक जज की आवाज...भारतीय लोकतंत्र की वास्तविक खूबसूरती है- इसकी सफलता. जनता अपने चुने हुए प्रतिनिधियों के माध्यम से शासन करती है. चुने हुए प्रतिनिधि लोगों के हितों को ध्यान में रखते हैं और कानून बनाते हैं. हमारी न्यायपालिका स्वतंत्र और संविधान सर्वोपरी है."
किरेन रिजिजू

उन्होंने आगे कहा कि "ज्यादातर लोग इसी समझदार विचार के हैं. ये सिर्फ वो लोग हैं जो संविधान के प्रावधानों और जनमत की उपेक्षा करते हैं और सोचते हैं कि ये संविधान से ऊपर हैं."

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

इसके बाद रविवार शाम को किरण रिजिजू ने कहा कि "राष्ट्र के व्यापक हितों के लिए राज्य के तीनों अंगों- विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को एक साथ मिलकर काम करना चाहिए."

सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच जजों की नियुक्ति पर है विवाद

सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच जजों की नियुक्ति पर लंबे समय से विवाद चल रहा है. हाल ही में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए, हाईकोर्ट के जज के रूप में कम से कम तीन वकीलों की नियुक्ति के लिए सरकार की आपत्तियों को सार्वजनिक कर दिया था.

रिजिजू की शेयर की गई पांच मिनट की क्लिप में, जस्टिस सोढ़ी ने कहा कि राष्ट्रपति, मंत्रिपरिषद की सलाह के आधार पर, जजों की नियुक्ति के लिए संवैधानिक रूप से अनिवार्य प्राधिकारी हैं. उन्होंने कहा "तो, मेरे विचार में, सर्वोच्च प्राधिकरण संसद है."

हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट के अधीन नहीं- जस्टिस सोढ़ी

जस्टिस सोढ़ी ने कहा “हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट के अधीन नहीं हैं. हाईकोर्ट संबंधित राज्यों के स्वतंत्र निकाय हैं. अब, क्या हो रहा है... सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति कर रहा है और सुप्रीम कोर्ट के जज कहां से आते हैं? हाईकोर्ट. इसलिए, हाईकोर्ट के जजों ने अब हर समय सुप्रीम कोर्ट की तरफ देखना शुरू कर दिया है और इसके अधीन हो गए हैं."

पिछली बार जब रिजिजू ने कोलेजियम सिस्टम की आलोचना की थी तो सुप्रीम कोर्ट ने सीधे तौर पर उनका नाम लिए बिना आपत्ति जताई थी. पिछले साल 28 नवंबर को, जस्टिस संजय किशन कौल और एएस ओका की पीठ ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से कहा था कि कोर्ट को न्यायिक फैसला लेना न पड़े इसलिए मुद्दे को हल करें.

इनपुट- इंडियन एक्सप्रेस

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT