Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019‘जानवरों से भी बदतर सुलूक’, कोरोना मरीजों के मामले पर SC की फटकार

‘जानवरों से भी बदतर सुलूक’, कोरोना मरीजों के मामले पर SC की फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर की सुनवाई

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
सांकेतिक तस्वीर
i
सांकेतिक तस्वीर
(फोटो: PTI)

advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में सरकारी अस्पताल कोरोना मरीजों के शवों को लेकर उचित तरीके से ध्यान नहीं दे रहे हैं, यहां तक कि मरीजों के परिजनों को मौत के बारे में सूचना नहीं दी जा रही. कोर्ट ने कहा कि कुछ मामलों में परिजन अंतिम संस्कार में भी हिस्सा नहीं ले पाए. इसके अलावा कोर्ट ने दिल्ली में कोरोना टेस्टिंग में कमी का भी जिक्र किया.

मामले की सुनवाई कर रही बेंच ने कहा, ‘’दिल्ली में स्थिति भयानक, डरावनी और दयनीय है.’’ 

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने देश में COVID-19 मरीजों के साथ उचित व्यवहार और संक्रमितों के शवों के साथ मर्यादित तरीके की कमी से संबंधित खबरों के बीच इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है.

12 जून को 3 जजों की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई शुरू की. जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली इस बेंच में जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एमआर शाह भी शामिल हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु की सरकारों से जवाब मांगा है. कोर्ट ने COVID-19 मरीजों और कोरोना संक्रमित लोगों के शवों के लिए किए गए इंतजामों को लेकर केंद्र सरकार से भी 17 जून तक जवाब मांगा है.

बार एंड बेंच के मुताबिक, जस्टिस भूषण ने पाया कि कुछ राज्यों में (कोरोना संक्रमितों की) बॉडीज कूड़ेदानों में मिली हैं. जस्टिस भूषण ने कहा, ‘’उनके साथ जानवरों से भी बदतर सुलूक हो रहा है.’’

कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरीज से कहा है कि वे पेशेंट मैनेजमेंट सिस्टम का जायजा लें और हॉस्पिटल स्टाफ और पेशेंट केयर पर स्टेटस रिपोर्ट सौंपें.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 12 Jun 2020,01:41 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT