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वेब सीरीज तांडव पर मचा बवाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट से अमेजन प्राइम वीडियो की क्रिएटिव हेड अपर्णा पुरोहित की अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. जहां सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि कुछ जगह पर पॉर्नोग्राफी भी दिखाई जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने कुछ ओटीटी प्लेटफॉर्म पर पॉर्नोग्राफिक कंटेंट को लेकर चिंता जाहिर की. इसे लेकर कोर्ट ने कहा कि ऐसे प्रोग्राम्स की स्क्रीनिंग के लिए एक मैकेनिज्म होना जरूरी है.
अपर्णा पुरोहित की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि ये काफी चौंकाने वाला केस है. क्योंकि जब अपर्णा ने इस वेब सीरीज को प्रोड्यूस नहीं किया है और न ही इसका हिस्सा रही हैं, फिर भी 10 एफआईआर में उनका नाम दर्ज है.
बता दें कि इससे पहले हाईकोर्ट ने अपर्णा पुरोहित की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. हाईकोर्ट की जस्टिस सिद्धार्थ की सिंगल जज बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि, ये तथ्य सामने है कि याचिकाकर्ता ने इस देश के बहुसंख्यक नागरिकों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ एक फिल्म के प्रसारण की अनुमति देकर गैर-जिम्मेदाराना काम किया है.
हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. जिस पर अब सुनवाई जारी है. बता दें कि तांडव वेब सीरीज के मामले में मेकर्स और अब खुद अमेजन प्राइम वीडियो की तरफ से माफी मांगी गई है. लेकिन इस वेब सीरीज को लेकर कई मामले दर्ज हो चुके हैं, जिसके बाद अब मेकर्स और अपर्णा जैसे पदाधिकारियों को गिरफ्तारी का डर है. इसीलिए अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में याचिका दायर की गई है.
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