Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019पैदल चल रहे प्रवासी मजदूरों को खाना-सुविधाएं मुहैया कराए सरकार- SC

पैदल चल रहे प्रवासी मजदूरों को खाना-सुविधाएं मुहैया कराए सरकार- SC

सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा पर सुनवाई कर केंद्र से जवाब मांगा

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों की परेशानियों पर सुनवाई की 
i
सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों की परेशानियों पर सुनवाई की 
(फोटो: PTI, 30 मार्च) 

advertisement

कोरोना के चलते देश में लगे लॉकडाउन में बेहाल प्रवासी मजदूरों की परेशानियों को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कहीं न कहीं मजदूरों के मामले में चूक हुई है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मजदूरों को तुरंत बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने का भी आदेश दिया. केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें दीं.

केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए. उन्होंने कहा कि, कुछ घटनाएं हुई हैं जिन्हें बार-बार दिखाया जा रहा है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार इस पर काम कर रही है. वहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा,

‘इसमें कोई शक नहीं है कि केंद्र सरकार काम कर रही है, लेकिन राज्यों से लोगों को ज्यादा लाभ नहीं मिल रहा है.’ इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि,

जो मजदूर पैदल चल रहे हैं उन्हें तुरंत खाना और रहने के लिए उचित जगह मुहैया कराई जानी चाहिए. साथ ही उन्हें सारी बुनियादी सुविधाएं मिलनी चाहिए. इसके अलावा इन मजदूरों से बसों और ट्रेन का कोई किराया नहीं लिया जाना चाहिए. केंद्र सरकार राज्य सरकारों को भी ये जानकारी दे.

सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले को लेकर 5 जून को अगली सुनवाई करेगा. कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र को नोटिस जारी कर बुनियादी सुविधाओं को लेकर जवाब मांगा है.

तुषार मेहता ने कहा, अब तक 91 लाख प्रवासियों को स्थानांतरित की जा चुकी है. इसमें 80 प्रतिशत यूपी और बिहार से हैं.

लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग राज्यों में प्रवासी मजदूर फंस गए, ना तो उनके पास काम रहा और ना ही खाने के पैसे, मजबूर होकर सैकड़ों मजदूर पैदल और साइकिल से ही हजारों किलोमीटर के सफर पर निकल पड़े. बाद में खुद सरकार को आगे आकर मजदूरों के लिए श्रमिक ट्रेन शुरू करनी पड़ी.

लेकिन लाखों की संख्या में मौजूद मजदूरों के लिए ये इंतजाम भी नाकाफी है, कई मजदूरों की भूख से जान चली गई तो कोई पैदल लंबा सफर तय करते हुए रास्ते में ही अपनी जिंदगी खो बैठा.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन सियासत: सरकारें नहीं चाहतीं कि मजदूर लौटें?

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 28 May 2020,03:17 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT