advertisement
जम्मू-कश्मीर को खास अधिकार देने वाले आर्टिकल 370 को हटाए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होगी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट में कश्मीर से जुड़े 8 और मामलों में सुनवाई भी होगी. इन याचिकाओं में आर्टिकल 370 खत्म करने, जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की वैधता और वहां लगाई गई पाबंदियों को चुनौती दी गई है. इन सबके अलावा एक याचिका कांग्रेस के सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद की भी है. इस याचिका में उन्होंने अपने घर जाने की इजाजत मांगी है.
इन याचिकाओं पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी. इस बेंच में जस्टिस एस. ए. बोबडे और एस. अब्दुल नजीर भी शामिल होंगे.
इन याचिकाओं में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी की भी याचिका है. येचुरी ने अपनी पार्टी के सहयोगी और पूर्व विधायक मोहम्मद यूसुफ तारिगामी की नजरबंदी को चुनौती दी है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 28 अगस्त को सीताराम येचुरी को श्रीनगर जाने की इजाजत दे दी थी. जिसके बाद वो मोहम्मद यूसुफ तारिगामी से मिलने श्रीनगर गए थे.
जम्मू और कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस (JKPC) पार्टी के प्रमुख सज्जाद लोन ने आर्टिकल 370 के प्रावधानों को खत्म करने और राज्य के पुनर्गठन की वैधता को चुनौती दी है.
राज्यसभा सदस्य और एमडीएमके के चीफ वाइको की याचिका पर भी सुनवाई होनी है. वाइको ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को अदालत के सामने लाने की याचिका दी है. बता दें कि पिछले एक महीने से फारुक अब्दुल्ला को कथित रूप से नजरबंद करके रखा गया है. हालांकि सरकार की मानें तो वो नजरबंद नहीं हैं.
इस दौरान कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन की याचिका पर भी सुनवाई होगी, जिसमें उन्होंने कश्मीर में मीडिया पर लगाए प्रतिबंधों को हटाने की मांग की है. भसीन ने इस याचिका में घाटी में मीडियाकर्मियों और फोटो जर्नलिस्ट की रिपोर्टिंग के लिए आवाजाही की छूट देने की मांग की है. अनुराधा भसीन की तरफ से ये याचिका 10 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी. याचिका में मोबाइल, इंटरनेट सहित लैंडलाइन जैसी तमाम संचार व्यवस्था को तत्काल बहाल करने की मांग की गई है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)