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पटना समेत बिहार में बाढ़ की वजह से लाखों लोगों ने खूब परेशानी झेली. यहां तक कि खुद डिप्टी सीएम सुशील मोदी भी पटना में तीन दिन तक बाढ़ में घिरे रहे. पानी-पानी हुए पटना के इस हाल का असली जिम्मेदार कौन है, इसका पता लगाने के लिए एक जांच कमेटी भी बनाने की खबर आई थी, लेकिन अब खुद सुशील मोदी ने ऐसी किसी कमेटी की जांच से इनकार किया है.
न्यूज एजेंसी एएनआई से सुशील मोदी ने कहा कि ऐसी किसी भी कमेटी की गठन नहीं किया गया है.
कुछ दिन पहले ही ऐसी रिपोर्ट आई थी कि बिहार सरकार में नगर विकास और आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने पटना में आई बाढ़ की जांच के लिए टीम का गठन किया है, जिसे 7 दिनों के अंदर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही दोषियों के खिलाफ 15 दिनों के अंदर कार्रवाई की बात की गई थी. लेकिन अब डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने स्थिति साफ कर दी है.
पटना के अलग-अलग इलाकों में जमा पानी तो धीरे-धीरे खत्म हो गया है, लेकिन राजनीति जारी है. सबसे ज्यादा किरकिरी तो सुशील मोदी की हुई, बिहार का जो नगर निगम विकास विभाग है, उसमें पानी को लेकर समीक्षा सुशील मोदी ही करते आए हैं. लेकिन सबसे बड़ी बात तो हुई कि खुद सुशील मोदी तीन दिन तक अपने घर में फंसे रहे और उन्हें एनडीआरएफ की टीम घर से निकालकर ले गई, ऐसे में आम जनता का क्या हाल होगा.
सुशील कुमार मोदी के अलावा दो पूर्व मुख्यमंत्रियों सतेंद्र नारायण सिंह और जीतन राम मांझी के घरों में भी पानी घुस गया. पटना में बोरिंग रोड स्थित पूर्व मुख्यमंत्री सतेंद्र नारायण सिंह, बीजेपी के सांसद राजीव प्रताप रूडी और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के आवास में भी पानी चला गया था.
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