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सुषमा स्वराज आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन अपने पीछे कई कहानियां छोड़ गईं, सुषमा एक ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने 4 दशकों तक भारतीय राजनीति में अपनी मेहनत के बल पर वो मुकाम हासिल किया, जो आसान नहीं होता. उनके निधन पर देश को गहरा सदमा लगा है. सुषमा की जिंदगी का अहम हिस्सा हैं उनके पति स्वराज कौशल, जिन्होंने हर अच्छे और बुरे वक्त पर सुषमा का साथ दिया.
सुषमा स्वराज और स्वराज कौशल की मुलाकात 70 के दशक में चंडीगढ़ में कॉलेज के दौरान हुई थी. हरियाणा के अंबाला में जन्मी सुषमा ने सब कौशल से शादी का फैसला लिया तो घर वालों को तैयार करना इतना आसान नहीं था. ये वो दौर था जब लड़कियों को अपनी मर्जी से शादी तो क्या, शादी से पहले लड़के से मिलना भी जरूरी नहीं समझा जाता था, ऐसे वक्त में सुषमा ने कौशल स्वराज से शादी का फैसला किया और अपने घरवालों को बड़ी मुश्किल से राजी कराया.
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सुषमा और स्वराज कौशल ने 13 जुलाई 1975 को शादी कर ली. स्वराज कौशल के नाम देश के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बनने का रिकॉर्ड है. इसके अलावा वह 1999 से 2004 तक सांसद भी रहे थे और 1990 से 1993 तक मिजोराम के राज्यपाल भी रह चुके हैं. दोनों अपनी व्यस्त जिंदगी के बीच 44 सालों से एक दूसरे का हर कदम पर साथ देते रहे हैं.
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पिछले 5 सालों से विदेश मंत्री बनकर देश और दुनिया के लोगों की मदद करने के लिए तैयार रहने वाली सुषमा ने 2019 में चुनाव न लड़ने का ऐलान किया. तो इस घोषणा के बाद सुषमा के पति स्वराज ने कहा था-
पिछले 4 दशकों से राजनीति में सक्रिय सुषमा ने जब चुनाव न लड़ने का फैसला लिया तो लोग चौक गए थे, लेकिन अपनी बीमारियों की वजह से सुषमा ने चुनाव से दूरी बना ली. शायद उन्हें पहले से भी आभास हो गया था, मोदी सरकार की दूसरी पारी शुरू होने के ठीक दो महीने के बाद सुषमा ने इस दुनिया को ही अलविदा कह दिया.
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