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"मेरे पिता मेरा यौन शोषण करते थे. मुझे मारते थे. डर से मैं बिस्तर के नीचे छिप जाती थी."
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने एक कार्यक्रम में ऊपर लिखी बातों का जिक्र किया. उन्होंने अपने पिता पर बचपन में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए आपबीती सुनाई. उन्होंने कहा, मैं डर के मारे बिस्तर के नीचे छिप जाती थी और सारी रात प्लानिंग करती थी कि महिलाओं को किस तरीके से हक दिलाना है. बच्चियों और महिलाओं का शोषण करने वालों को सबक सिखाऊंगी.
बता दें, शनिवार, (11 मार्च को महिला आयोग की ओर से आयोजित पुरस्कार समारोह में स्वाति मालीवाल ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि जब मैं बच्ची थी तब मेरे पिता ने मेरा यौन उत्पीड़न किया था. वह मुझे मारते थे, जब भी वो घर आते थो तो मुझे बहुत डर लगता था और मैं बिस्तर के नीचे छिप जाती थी.
उन्होंने बताया कि तब मैं पूरी रात प्लानिंग करती थी कि जो भी आदमी महिलाओं के साथ, बच्चियों के साथ ऐसा सलूक करते हैं उन्हें सबक सिखाऊंगी. मुझे मेरे पिता बेरहमी से पीटा करते थे. मैं कक्षा 4 तक अपने पिता के साथ रही थी.
मालीवाल ने कहा कि "मेरा मानना है कि जब कोई इंसान अत्याचार सहता है तभी वो दूसरों का दर्द समझ सकता है. तभी उस इंसान के अंदर वो हिम्मत आती है जिससे वो पूरा सिस्टम हिला पाता है. शायद मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ और हमारे जितने भी अवॉर्डी है, उनकी भी यही कहानी है."
इस दौरान स्वाति मालीवाल ने कहा कि "मुझे अभी तक याद है. जब वो मुझे मारने पर आते थे तो मेरी चोटी पकड़ते थे और दीवार पर जोर से सिर मार देते थे, जिससे चोट लगती थी और खून बहता रहता था. बहुत तड़प होती थी."
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