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राजस्थान में स्वाइन फ्लू का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक अब तक स्वाइन फ्लू से राजस्थान में 72 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या 1856 तक पहुंच गई है.
ये आंकड़े स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खोलते नजर आ रहे हैं. राजस्थान में सबसे ज्यादा स्वाइन फ्लू का असर जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, कोटा, सीकर, झुन्झुनू, नागौर, पाली, जैसलमेर जिलों में हैं.
बीते दो दिनों में ही 8 लोगों के मरने से ये आंकड़ा 70 के पार हो चुका है. वहीं लगातार स्वाइन फ्लू से बीमार हो रहे लोगों की संख्या भी बढती जा रही है.
पिछले दो साल में तीन हजार से ज्यादा लोगों की जान लेने वाली ये खतरनाक बीमारी देश में इस साल भी दबे पांव चली आ रही है. जनवरी के पहले तीन हफ्ते में देशभर में इसके 2777 मामले सामने आए हैं और अभी तक कुल 85 लोगों की मौत हो चुकी है.
इनमें अकेले राजस्थान में मरीजों की तादाद 1856 है और मरने वालों का आंकड़ा 72 तक पहुंच चुका है. स्वाइन फ्लू का कहर राजधानी दिल्ली समेत देश के तमाम हिस्सों में बढ़ रहा है. सिर्फ दिल्ली में 20 जनवरी तक इसके 229 मामले दर्ज किए जा चुके है.
यहां कुछ लक्षण हैं, जिस पर आपको ध्यान देना चाहिए और बचाव के जरूरी उपाय अपनाने चाहिए.
नाक बहना, छींक, खांसी, गले में तकलीफ, बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, सांस लेने में तकलीफ ये सभी स्वाइन फ्लू के लक्षण हैं.
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के मुताबिक कुछ लोगों को स्वाइन फ्लू का खतरा ज्यादा हो सकता है.
अगर इस बीमारी को शुरुआत में पकड़ लिया जाए, तो इलाज में जल्दी फायदा होता है. स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. डॉक्टर कहते हैं कि अगर बचाव के उपाय अपनाए जाएं, तो स्वाइन फ्लू से घबराने की जरूरत नहीं है.
स्वाइन फ्लू से संक्रमित शख्स को अपना मुंह ढककर रहना चाहिए, जिससे इस वायरस से दूसरों को संक्रमण न हो जाए.
इसके संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है कि आप अपने हाथ धोते रहें, साफ-सफाई का ध्यान रखें और भीड़भाड़ में अपना मुंह कवर करके निकलें.
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