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तमिलनाडु CM का आश्वासन, बिहार से गई जांच टीम- मजदूरों से मारपीट का सच क्या है?

Tamil Nadu में बिहारी प्रवासी कामगारों पर हमले की फर्जी खबरों पर अखबारों पर भी FIR दर्ज

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>तमिल नाडु में बिहार के मजदूरों की मारपीट का क्या है सच?</p></div>
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तमिल नाडु में बिहार के मजदूरों की मारपीट का क्या है सच?

(फोटो-क्विंट हिंदी)

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तमिल नाडु (Tamil Nadu) में कथित तौर पर बिहारी मजदूरों (Bihar Migrant workers ) से मारपीट की घटना की जांच के लिए बिहार से चार सदस्यीय अधिकारियों की एक टीम शनिवार को तमिलनाडु रवाना हो गई. इस मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि घटना संज्ञान में आने के बाद मैंने अधिकारियों से बात की और यह निर्णय लिया गया कि वहां पर एक टीम भेजी जाए जो पूरे मामले की सही से पड़ताल कर सके. वहीं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को कहा, "प्रवासी श्रमिकों को डरने की जरूरत नहीं है".

बिहार से तमिलनाडु भेजी गई टीम

बिहार से भेजी गई टीम में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डी. बालामुरुगन, अपराध अनुसंधान विभाग के पुलिस महानिरीक्षक पी. कन्नन, श्रम विभाग के आयुक्त आलोक कुमार तथा विशेष कार्य बल के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार शामिल हैं.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि यह टीम स्थानीय पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर बिहार के निवासियों की समस्याओं को अवगत कराते हुए उचित समाधान के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान करने कराएगी.

प्रवासी श्रमिकों को डरने की जरूरत नहीं: एमके स्टालिन

इस मामले पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को कहा, "प्रवासी श्रमिकों को डरने की जरूरत नहीं है. अगर कोई आपको धमकी देता है, तो हेल्पलाइन पर कॉल करें. तमिलनाडु सरकार और लोग हमारे प्रवासी भाइयों की रक्षा के लिए खड़े होंगे."

क्या है मामला?

दरअसल, पिछले कुछ हफ्तों में, दक्षिणी राज्य में बिहार के प्रवासी श्रमिकों पर हमलों के बारे में व्हाट्सएप पर कई फर्जी संदेश शेयर किए गए थे. इसके अलावा कुछ अखबारों में ऐसे खबरें सामने आई थी. इसको लेकर तमिलनाडु और बिहार सरकार ने चेतावनी जारी की थी.

बीजेपी नेता ने किया था ट्वीट

इस मामले को लेकर यूपी बीजेपी के प्रवक्ता प्रशांत उमराव ने एमके स्टालिन और तेजस्वी यादव की फोटो शेयर करते हुए ट्वीट कर लिखा, "बिहार के 12 प्रवासियों को हिंदी में बोलने के लिए तमिलनाडु में फांसी पर लटका दिया गया था. इसके बावजूद बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने स्टालिन के जन्मदिन समारोह में भाग लिया."

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बाद में पुलिस ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के आरोप बीजेपी नेता प्रशांत उमराव के खिलाफ केस दर्ज कर लिया. वहीं, एक अखबार के संपादक और एक स्थानीय दैनिक अखबार के मालिक के खिलाफ भी तमिलनाडु में केस दर्ज किया गया है. साथ ही उन्हें गिरफ्तार करने के लिए एक पुलिस टीम का भी गठन किया गया है.

बिहार विधानसभा में हुआ हंगामा

मामला सामने आने के बाद बीजेपी ने बिहार विधानसभा में जमकर हंगामा किया था. इस पर राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बीजेपी को चुनौती दी कि वह गृह मंत्रालय को मामले की जांच कराने के लिए कहें.

पुराना वीडियो गलत तरीके से पेश किया गया: तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव ने कहा कि तमिलनाडु पुलिस ने स्पष्ट किया है कि वीडियो "फर्जी" है. उन्होंने ट्वीट किया, "DGP तमिलनाडु स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि यह पूरी तरह से फर्जी और अफवाह फैलाने वाला है कि बिहार के प्रवासी श्रमिकों को तमिलनाडु में हमला किया जा रहा है. हिंसा का पुराना वीडियो शरारतपूर्ण तरीके से फैलाया जा रहा है, जिसमें कहा गया है कि बिहार के लोग अब तमिलनाडु में सुरक्षित नहीं हैं, जिससे दहशत पैदा हो रही है."

तमिलनाडु के DGP ने वीडियो को बताया फर्जी

इस मामले में तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक सी सिलेंद्र बाबू ने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो फर्जी और "शरारती" हैं. उन्होंने कहा ,"बिहार में किसी ने एक झूठा और शरारती वीडियो पोस्ट किया जिसमें कहा गया है कि तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी श्रमिकों पर हमला किया जा रहा है. दो वीडियो वायरल हो रहे हैं और झूठे हैं."

ये दो घटनाएं पहले तिरुपुर और कोयंबटूर में हुई थीं. दोनों मामलों में, झड़प हुई थी. तमिलनाडु के लोगों और प्रवासी श्रमिकों के बीच नहीं. एक बिहार प्रवासी श्रमिकों के दो समूहों के बीच झड़प थी और दूसरा वीडियो कोयम्बटूर के दो निवासियों के बीच झड़प का था.
सी सिलेंद्र बाबू, DGP, तमिलनाडु

तमिलनाडु से वापस आए श्रमिक क्या कह रहे?

बहरहाल, दक्षिणी राज्य से लौटे लोग रेलवे स्टेशनों पर मीडिया से कहा कि वह होली के लिए वापस आ गए हैं, अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो वे काम पर वापस नहीं जाना चाहेंगे.

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार मोतिहारी के विनोद ने कहा, "मैं वहां बढ़ई का काम करता हूं. तमिलनाडु के माहौल ने मामले को और भी बदतर बना दिया है. मैं तब तक वापस नहीं जाना चाहूंगा जब तक कि स्थिति में सुधार न हो."

मुजफ्फरपुर के विशाल और विवेक ने भी इसी तरह की बात कही. उन्होंने आरोप लगाया कि "हमें हमेशा अपमान का सामना करना पड़ता है और यहां तक कि शारीरिक हमले भी हो रहे हैं. हमें उम्मीद है कि हमें अपने घर पर कुछ काम मिलेगा. कौन दूर जाना चाहेगा और अपमान का सामना करेगा?"

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