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तमिलनाडु के CM स्टालिन की सुरक्षा करती 9 महिला कमांडो की टीम- Photos

देश में पहली बार तमिलनाडु के CM स्टालिन की सुरक्षा करतीं महिला बॉडीगार्ड.

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p> तमिलनाडु के CM स्टालिन की सुरक्षा करती महिला बॉडीगार्ड.</p></div>
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तमिलनाडु के CM स्टालिन की सुरक्षा करती महिला बॉडीगार्ड.

(फोटो: स्मिता टीके/ द क्विंट)

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सफारी सूट पहने 9 महिलाएं अपनी X-95 सब-मशीन गन, AK-47 और 9mm पिस्टल के साथ नजर आती हैं और 100 मीटर की दूरी को स्कैन करती है. जैसे ही एक एसयूवी गेट पर पहुंचती है महिलाएं एक्शन हीरो की तरह उसके चारों ओर होती हैं और वीआईपी की रखवाली करती हैं. ये किसी फिल्म का सीन नहीं है. ये तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के लिए नियुक्त कमांडो सुरक्षा बल हैं. स्पेशल सुरक्षा जानकारी के लिए क्विंट ने चेन्नई में तमिलनाडु कमांडो फोर्स ट्रेनिंग स्कूल मरुधम का दौरा किया. 

क्विंट ने चेन्नई में तमिलनाडु कमांडो फोर्स ट्रेनिंग स्कूल मरुधम का  दौरा किया. इस दौरान सब-इंस्पेक्टर एम तनुष कन्नकी, हेड कॉस्टेबल एम दिलस्थ बेगम, कॉस्टेबल आर विद्या, जे सुमति, एम कालेश्वरी, के पवित्रा, जी रामी, वी मोनिशा और के कौशल्या से मिलें. ये नौ महिलाएं विशेष रूप से तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के लिए प्रतिनियुक्त कमांडो सुरक्षा बल हैं और सीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारी  इन्हीं के कंधों पर है.

(फोटो: स्मिता टीके/ द क्विंट)

एम दिलस्थ बेगम (दाएं) सफारी पोशाक पहनने वाली पहली महिला थीं. ये उनका 10 साल का सपना था जो 2021 में पूरा हुआ और ये एक आईपीएस अधिकारी बनने की इच्छा रखती हैं.

(फोटो: स्मिता टीके/ द क्विंट)

एम तनुष कन्नकी जो टीम का नेतृत्व करती हैं, IPS अधिकारियों विजय कुमार और सिलेंद्र बाबू की कहानियों को सुनकर बड़ी हुई हैं और एक यादगार छाप छोड़ने के लिए दृढ़ हैं.

(फोटो: स्मिता टीके/ द क्विंट)

सभी महिलाएं दूर-दराज के गांवों से हैं और उन्हें गर्व है कि वे अपने-अपने गृह नगर की पहली महिला सुरक्षाकर्मी हैं.

(फोटो: स्मिता टीके/ द क्विंट)

80 से अधिक आवेदकों में से शॉर्टलिस्ट की गई 9 महिलाओं को कठोर शारीरिक और मानसिक परीक्षणों से गुजरना पड़ा. दरअसल, आवेदन करने वाली सभी महिलाओं को शारीरिक और मानसिक परीक्षण से गुजरना पड़ा था, जिसमें 9 महिलाओं को मुख्यमंत्री के सुरक्षा घेरे के लिए चुना गया.

(फोटो: स्मिता टीके/ द क्विंट)

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दस्ते को निहत्थे युद्ध, बंदूक चलाने, बम का पता लगाने, भीड़ प्रबंधन से निपटने का प्रशिक्षण दिया जाता है. उन्हें आघात और उच्च तनाव की स्थितियों को संभालने के लिए भी प्रशिक्षित किया जाता है.

(फोटो: स्मिता टीके/ द क्विंट)

सीएम के किसी स्थान पर पहुंचने से पहले  सुरक्षा दल क्षेत्र को स्कैन करना और एक 'स्टेराइल सर्कल' बनाना होता है. कॉन्स्टेबल वी मोनिशा ने कहा कि, वे भीड़ पर कड़ी नजर रखती हैं और नेता के करीब आने वाले लोगों पर नजर रखते हैं और देखते हैं कि कितने लोग राष्ट्रगान गा रहे हैं.

(फोटो: स्मिता टीके/ द क्विंट)

ये सभी जमीन पर उनके सहूलियत बिंदुओं से किए जाने वाले विशिष्ट कर्तव्यों को पालन करती हैं. इन सभी का प्राथमिक कर्तव्य ये सुनिश्चित करना होता है कि भीड़ में महिलाएं सीएम के बहुत करीब न आएं. वे जनता से बात भी करती हैं और अनुशासित तरीके से सीएम तक अपनी याचिकाएं प्रस्तुत करने में उनकी सहायता करते हैं.

(फोटो: स्मिता टीके/ द क्विंट)

सभी सुरक्षागार्डों को गोपनीयता की शपथ दिलाई गई है. सीएम के कार्यक्रम या उनकी सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी किसी भी बात को वो लोगों से साझा नहीं कर सकतीं. यहां तक कि अपने परिवारों के साथ भी नहीं.

(फोटो: स्मिता टीके/ द क्विंट)

महिलाओं को कलारिपयट्टू (मार्शल आर्ट) में भी प्रशिक्षित किया जाता है, जो प्राचीन युद्ध के मैदान के लिए डिजाइन की गई एक प्रकार की मार्शल आर्ट है. वहीं प्रशिक्षण के दौरान हथियारों के साथ जुझारू तकनीक भी शामिल है.  

(फोटो: स्मिता टीके/ द क्विंट)

तनुष कन्नकी ने गर्व के साथ कहा, 'रिपोर्टर से लेकर सब-इंस्पेक्टर तक, महिलाएं हर शीर्ष पद पर हैं. ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे महिलाएं हासिल नहीं कर सकती हैं,'

(फोटो: स्मिता टीके/ द क्विंट)

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