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देश सरकार से नहीं, नागरिक के संस्कार से बनता है: वाराणसी में मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे.

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे.
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे.
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे. इस दौरान वे 1254 करोड़ की 50 परियोजनाओं की सौगात देंगे. इसमें बीएचयू में नए बने 430 बेड वाला सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल, 74 बेड वाला मनोरोग अस्पताल और 100 बेड वाला मैटरनिटी विंग के साथ पीपी मॉडल पर जिला महिला अस्पताल भी शामिल हैं. प्रधानमंत्री सबसे पहले सड़क मार्ग से जंगमबाड़ी मठ गए और वहां वीरशैव महाकुंभ में शामिल हुए. यहां पर उन्होंने शिखामणि ग्रन्थ के 19 भाषाओं और उसके मोबाइल ऐप का विमोचन किया.

'भारत में राष्ट्र का यह मतलब कभी भी जीत हार नहीं रहा'

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत की सही पहचान को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने का दायित्व हम पर है और देश सिर्फ सरकार से नहीं बनता, बल्कि प्रत्येक नागरिक के संस्कार से बनता है. एक नागरिक के रूप में हमारा आचरण ही नये भारत की दिशा तय करेगा. मोदी ने जंगमबाड़ी मठ में आयोजित श्री जगदगुरु विश्वराध्य गुरुकुल के शताब्दी समारोह के समापन पर कहा कि भारत में राष्ट्र का यह मतलब कभी भी जीत हार नहीं रहा.
उन्होंने कहा कि हमारे यहां राष्ट्र सत्ता से नहीं बल्कि संस्कृति और संस्कारों से बना है. यह निवासियों के सामर्थ्य से बना है. ऐसे में भारत की सही पहचान को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने का दायित्व हम पर है. एक नागरिक के रूप में हमारा आचरण ही नये भारत की दिशा तय करेगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वीरशैव परम्परा के सभी साथियों के साथ जुड़ना बेहद खुशी का विषय है. यह परम्परा वीर शब्द को आध्यात्म से जोड़ती है. जो विरोध की भावना से उपर उठ गया है वही वीरशैव है. यही कारण है कि समाज को बैर, विरोध और विकार से बाहर निकालने में वीरशैव का आग्रह और प्रखर नेतृत्व रहा है.  

मोबाइल ऐप की तारीफ

मोदी ने श्री सिद्धान्त शिखमणी ग्रन्थ के 19 भाषाओं में अनुवादित संस्करण और इसके मोबाइल एप्लिकेशन का विमोचन किया. उन्होंने कहा कि इस ग्रंथ को 21वीं सदी का रूप देने के लिये वह विशेष अभिनन्दन करते हैं. भक्ति से मुक्ति का मार्ग दिखाने वाले इस दर्शन को भावी पीढ़ी तक पहुंचाया जाना चाहिये. एक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से यह दर्शन युवाओं तक पहुंचकर उन्हें प्रेरणा देगा.
उन्होंने सुझाव दिया कि आगे चलकर इस ऐप के जरिए ग्रंथ पर हर वर्ष क्विज प्रतियोगिता होनी चाहिए और प्रत्येक राज्य से शीर्ष तीन प्रतिभागियों को इनाम दिया जाना चाहिये.

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जल संरक्षण के महत्त्व का जिक्र

प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण में लोगों के योगदान के महत्व का जिक्र करते हुए कहा कि हमें पानी की बचत और उसके पुनर्संचयन पर ध्यान देना होगा. घर हों, खेत हों या दूसरे स्थान हों हमें पानी बचाने पर ध्यान देना है. देश में इतने बड़े अभियान को सिर्फ सरकार नहीं चला सकती. इनकी सफलता के लिये जनभागीदारी जरूरी है. भारत को जलयुक्त और सूखामुक्त करने में प्रत्येक नागरिक का योगदान महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि 'नमामि गंगे' की सफलता में भी जनभागीदारी की बड़ी भूमिका है. इसके तहत 60 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम हो चुका है. वहीं, 21 हजार करोड़ की परियोजनाओं पर काम हो रहा है.

मोदी ने स्वेदशी अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि देश में बना सामान, हमारे बुनकरों और हस्तशिल्पियों के बनाए सामान का इस्तेमाल करें. सभी से आग्रह है कि आप स्थानीय स्तर पर बनी वस्तुएं खरीदें. हमारे देश में विश्वस्तरीय उत्पादन हो रहा है, हमें यह मानसिकता बदलनी होगी कि विदेशी में बनी वस्तुएं श्रेष्ठ गुणवत्ता की होती हैं.  

नरेंद्र मोदी ने नए काशी महाकाल एक्सप्रेस को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हरी झंडी दिखाकर उद्घाटन किया. वाराणसी से इंदौर के बीच 20 फरवरी से चलाई जाने वाली काशी-महाकाल एक्सप्रेस में आठ विभिन्न तीर्थस्थलों के भ्रमण का पैकेज भी होगा. आईआरसीटीसी ने वाराणसी, अयोध्या, प्रयागराज, इंदौर, उज्जैन, भोपाल के धार्मिक व पर्यटन स्थलों के लिए पैकेज तैयार किया है.

राम मंदिर पर भी बोले मोदी

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में ऐसे फैसले हो रहे हैं, उन पुरानी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है, जिनकी किसी ने कल्पना नहीं की थी. राम मंदिर विवाद दशकों से अदालतों में उलझा हुआ था, लेकिन अब मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. उन्होंने कहा कि यह पूज्य संतों के आशीर्वाद से हुआ है. अयोध्या में सरकार द्वारा अधिग्रहीत 67 एकड़ जमीन नवगठित ट्रस्ट को सौंप दी जाएगी.

(इनपुट: PTI)

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