advertisement
लद्दाख सीमा से चीनी सैनिकों की कोई वापसी नहीं हुई है और जमीनी हालात पहले जैसे ही हैं. सैन्य प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने मंगलवार को यह बात कही. जनरल नरवणे ने नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि चीनी सैनिकों के वापस जाने जैसी रिपोर्ट्स का वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनाती से कोई संबंध नहीं है.
जनरल नरवणे ने 10 हजार चीनी सैनिकों को हटाए जाने की खबरों को अधिक महत्व नहीं दिया, क्योंकि ये स्थान चीनी क्षेत्र के काफी अंदर हैं.
सैन्य प्रमुख जनरल मनोज नरवणे ने कहा कि लद्दाख में एलएसी के पास वर्तमान संघर्ष की स्थिति पहले जैसी ही बनी हुई है. साथ ही नरवणे ने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय सेना कड़ी निगरानी रख रही है और सैनिक वास्तविक सीमा के भारतीय पक्ष पर उच्च सतर्कता की स्थिति में हैं.
नरवणे ने कहा कि एलएसी पर हालत में कोई बदलाव नहीं आया है. गर्मियों में हर साल तिब्बत पठार में चीनी सैनिक ट्रेनिंग के लिए आते हैं और सर्दियों में वापस चले जाते हैं. उनकी वहां मौजूदगी से या वहां से जाने से कोई असर नहीं पड़ता, इसका कोई खास महत्व नहीं है.
भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ लंबी दौड़ के लिए तैयार है. मगर साथ ही चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और भारतीय सेना के बीच नौ महीने से चले आ रहे गतिरोध को लेकर भी एक सौहार्दपूर्ण समाधान की उम्मीद है. जनरल नरवणे ने मंगलवार को यह बात कही.
जनरल नरवने ने नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि पिछले साल सेना को चुनौतियों का सामना करने के लिए बातचीत में शामिल होना पड़ा और बल ने ऐसा सफलतापूर्वक किया.
लद्दाख की स्थिति के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि भारतीय सेना न केवल पूर्वी लद्दाख में, बल्कि चीन के साथ उत्तरी सीमा पर भी हाई अलर्ट पर है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)