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ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे अपनी तीन दिवसीय यात्रा के लिए भारत पहुंची हैं. इस यात्रा का उद्देश्य व्यापार, निवेश, रक्षा और सुरक्षा के प्रमुख क्षेत्रों में भारत और ब्रिटेन के संबंधों को मजबूत करना है.यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर होने के बाद थेरेसा ने जुलाई में प्रधानमंत्री का कामकाज संभाला था और उसके बाद यूरोप के बाहर यह उनका पहला द्विपक्षीय दौरा है.
इस दौरान वह आज भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगी. वह मोदी के साथ संयुक्त रूप से भारत-ब्रिटेन प्रौद्योगिकी सम्मेलन का उद्घाटन भी करेंगी. लंदन से रवाना होने से पहले टेरीजा ने भारत को ब्रिटेन का ‘सर्वाधिक महत्वपूर्ण और करीबी' मित्र करार दिया.
आस्था का पर्व छठ बिहार सहित पूरे देश में खूब धूम धाम से मनाया गया. बिहार सहित कई जगह इस त्योहार को सूरज की उपासना के रूप में मनाया जाता है. दिल्ली एनसीआर में धूंध के चलते सूरज के उगने में देरी हुई जिससे भक्तों को थोड़ा इंतजार करना पड़ा.
शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने नहाय खहाय से इस पर्व की शुरूआत की थी. दूसरे दिन खरना किया था. उसके बाद दो दिन तक व्रती बिना खाए पीए रहती हैं. तीसरे दिन सूर्य को अर्घ्य दिया गया और चौथे दिन सुबह उगते हुए सूरज को जल चढ़ाकर छठ का समापन होता है.
एक तरफ जहां भारत और चीन के बीच तनाव कायम है, वहीं भारतीय सेना के इंजीनियरों ने लद्दाख संभाग में स्थानीय लोगों के लिए सिंचाई के लिए पानी की पाइपलाइन बनाने का काम पूरा कर लिया है. इस पाइपलाइन को लेकर इस हफ्ते की शुरुआत में चीन और भारत के सैनिकों के बीच आमने-सामने की स्थिति बन गई थी.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि चीन ने इस बार डेमचोक में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास पीपुल्स आर्म्ड पुलिस फोर्स (पीएपीएफ) को तैनात किया था जबकि सामान्य तौर पर इसके लिए पीएलए को वह तैनात करता है. चीनी बल सीमा पर इस बार शुक्रवार को प्लास्टिक के शिविर डालने आए थे लेकिन सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया.
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि स्थिति इतनी खराब हो गई है कि गैस चैंबर स्थिति पैदा हो गई है. इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने रविवार को मीटिंग बुलाई और उसके बाद उठाए ये कदम-
चीन ने बीते कुछ समय से भारत के कई मामलों में अड़ंगा लगाया है. न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में भारत की एंट्री चीन के विरोध के चलते ही नहीं हो पाई थी. इसके अलावा जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने के भारतीय प्रस्ताव का भी चीन ने संयुक्त राष्ट्र में विरोध किया. लेकिन अब लगता है कि भारत ने इस पर 'बदला' लेने का फैसला कर लिया है.
सूत्रों ने बताया कि भारत ने पिछले महीने ही सिंगापुर को प्रस्ताव दिया था कि दोनों देशों को इंटरनैशनल ट्राइब्यूनल के जुलाई में दिए उस फैसले पर टिप्पणी करनी चाहिए जिसमें उसने दक्षिण चीन सागर पर चीन के 'ऐतिहासिक' दावे को खारिज किया था. भारत का यह प्रस्ताव सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सेन लुंग की यात्रा से पहले तैयार किया गया था. सिंगापुर ने हालांकि इस प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया था. इस प्रस्ताव में अंतरराष्ट्रीय कानूनों को न मानने के चीनी रवैये का कड़ा विरोध करने की बात थी. चीन ने हालांकि परमाणु अप्रसार संधि पर भारत द्वारा हस्ताक्षर न किए जाने की बात को आधार बनाकर ही एनएसजी में उसकी दावेदारी का विरोध किया था.
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