दिल्ली सरकार ने दिल्ली में प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए हुई आपातकालीन बैठक के बाद कई बड़े फैसले लिए हैं. इनमें दिल्ली में 5 दिनों तक कंस्ट्रक्शन पर बैन समेत 3 दिनों तक सभी सरकारी स्कूलों को बंद रखने का आदेश शामिल है. इसके साथ ही 10 दिनों तक जेनरेटरों पर बैन शामिल है
दिल्ली में इमरजेंसी के हालात - केजरीवाल
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति को इमरजेंसी करार दिया है.
दिल्ली सरकार का प्रदूषण पर लगाम लगाने पर फैसला
- 3 दिनों तक सभी सरकारी स्कूलों को बंद रखने का आदेश
- 5 दिनों तक दिल्ली में सभी निर्माण कार्यों पर बैन
- 10 दिनों तक दिल्ली में जेनरेटर चलाने पर बैन
- बदरपुर पॉवर प्लांट को 10 दिनों तक बंद करने का आदेश
सीएम केजरीवाल ने दिल्लीवासियों से अपील की है कि देश की राजधानी में हालात इतने खराब हैं कि लोगों को घर से रहकर ही काम करने की कोशिश करनी चाहिए और बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलना चाहिए.
सीआईएसएफ ने जवानों को दिए मास्क
दिल्ली एयरपोर्ट, दिल्ली मेट्रो और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा में लगे सीआईएसएफ जवानों को मास्क दिए गए हैं.
सीआईएसएफ डायरेक्टर जनरल के मुताबिक, एक मेडिकल टीम ऐसे सभी जवानों पर नजर रख रही है जिन्हें स्मॉग की वजह से सांस लेने में दिक्कत हो रही है.
दिल्ली के अस्पतालों में स्थिति गंभीर
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में औषधि विभाग के अध्यक्ष एवं सीनियर कंसल्टैंट डॉ. एसपी ब्योत्रा के मुताबिक, ‘‘पहले इस अस्पताल में प्रदूषण से संबंधित बीमारी के 15 से 20 प्रतिशत मामले आते थे. लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 60 प्रतिशत तक हो गई है.''
सर्वाधिक आम समस्या श्वसन संबंधी होती है. लेकिन इस बार हम धुंध की वजह से सांस लेने में गंभीर परेशानी, खांसी और छींक तथा ब्रोंकाइटिस के मामले बड़ी संख्या में देखे जा रहे हैं. बच्चे और बुजुर्ग धुंध तथा प्रदूषण के चलते संक्रमण और एलर्जी के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं. इसलिए उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए और सुबह तथा शाम के समय बाहर निकलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए जब खतरनाक स्तर सबसे ज्यादा होता है.डॉ. एसपी ब्योत्रा
एम्स के बाल रोग विशेषज्ञ वीके पॉल का कहना है कि जहां तक संभव हो सके, बच्चों को सुबह और देर शाम के समय बाहर निकलने से बचाना चाहिए. पिछले कुछ दिनों में धुंध की वजह से मामलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.
वसंत कुंज स्थित फोर्टिस अस्पताल में बाल रोग विभाग के निदेशक एवं प्रमुख डॉ. राहुल नागपाल का कहना है कि जो लोग इस तरह की बीमारियों से पहले से ही पीड़ित हैं, उनको ज्यादा दिक्कत आ रही है. बच्चे अधिक प्रभावित हो रहे हैं क्योंकि रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. इसके अतिरिक्त, संक्रमण को सही होने में अधिक समय लग रहा है.
केंद्र सरकार ने भी इसे आपातकालीन स्थिति घोषित करते हुए कल एक मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है जिसमें दिल्ली से सटे राज्यों में फसल जलाए जाने पर रोक लगाने के लिए जरूरी कदमों पर विचार किया जाए.
(इनपुट्स भाषा से)
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