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देश के कई हिस्सों में लोग गर्मी से बेहाल हैं. हालात ऐसे हैं कि यह महीना पिछले 100 सालों के दौरान 5 सबसे सूखे जून में शामिल होने जा रहा है. इस महीने देश में बारिश औसत से 35 फीसदी कम रही है. विदर्भ, पूर्वी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में यह कमी सबसे ज्यादा (60 फीसदी तक) है.
जून में बारिश का देश का सामान्य औसत 151.1 मिलीमीटर है, लेकिन इस महीने अब तक यह आंकड़ा 97.9 मिलीमीटर तक ही पहुंचा है. इस महीने के अंत तक बारिश का आंकड़ा 106 से लेकर 112 मिलीमीटर तक पहुंच सकता है. अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, 1920 के बाद ऐसे 4 ही साल थे, जब जून में इससे कम बारिश हुई हो.
बता दें कि अल-नीनो के असर से पूर्वी और मध्य प्रशांत महासागर की सतह में असामान्य रूप से गर्मी की स्थिति पैदा हो जाती होती है. इससे हवाओं का चक्र प्रभावित होता है और यह मॉनसून पर नकारात्मक असर डालता है.
मौसम और कृषि वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि जून में बारिश की कमी की भरपाई अगर जुलाई से सितंबर की बीच नहीं हुई तो भूजल में भारी कमी आ सकती है. फिलहाल अच्छी खबर यह है कि देश के पश्चिमी हिस्सों में मॉनसून की बरसात शुरू हो गई है. 28 जून को देर शाम तक मुंबई में 12 घंटों के भीतर 150 मिलीमीटर पानी बरस गया.
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