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भारत में 2 अक्टूबर यानी आज के दिन को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) का जन्म हुआ था.
जहां एक ओर राष्ट्रीय स्तर पर सोशल मीडिया के माध्यम से लोग महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भारी संख्या में सोशल मीडिया पर गोडसे जिंदाबाद भी लिखा जा रहा है. ट्विटर पर इस नारे के साथ हैशटैग हजारों ट्वीट्स के साथ ट्रेंड कर रहा है.
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से लोकसभा सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट करते हुए ट्रेंड कर रहे नारे पर अपनी प्रतिक्रिया दी.
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि भारत हमेशा से आध्यात्मिकता का सुपरपॉवर रहा है, लेकिन यह महात्मा गांधी ही थे जिन्होंने हमारे देश के आध्यात्मिक आधार को व्यक्त किया और हमें एक नैतिक अधिकार दिया जो आज भी हमारी सबस बड़ी ताकत है.
गोडसे जिंदाबाद ट्वीट करने वाले लोग अपने गैरजिम्मेदाराना तरीके से देश को शर्मसार कर रहे हैं.
लेकिन सवाल उठता है कि आखिर कौन हैं वो लोग जो गोडसे के नाम का ट्विटर पर ट्रेंड चला रहे हैं, इनमें से कुछ की प्रोफाइल खंगालने पर हमारे सामने ये नाम आये. पहला, Jitendra Patel नाम के यूजर ने लिखा कि नाथूराम की वजह से हिन्दू जिंदा हैं, महात्मा गांधी को मारकर अच्छा किया. हम इसकी पुष्टि नहीं कर सकते लेकिन ये खुद को एबीवीपी सदस्य बताता है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना आदर्श बताने वाले ATUL SHARMA नाम के यूजर ने लिखा कि बचे खुचे गांधियों से भी मुक्त करो भारत को महादेव.
नरेन्द्र मोदी को अपना प्राइड बताने वाले निखिल दुबे नाम के यूजर ने लिखा कि गांधी तो कुछ लोगों की मजबूरी है लेकिन दिल से याद तो गोडसे जी को करते हैं.
आश्चर्य करने वाली बात यह है कि ये बातें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के लिए उन्हीं के देश में कही जा रही हैं, जिस देश के लिए उन्होंने खुद को पूरी तरह से कुर्बान कर दिया.
जिस दौर में नेताओं की आलोचना करने वाले ट्वीट्स पर लोगों को अरेस्ट कर लिया जाता है, यूजर्स के ट्विटर एकाउंट्स को सस्पेंड कर दिया जाता है, उसी दौर में गांधी जी को जान से मारने वाले नाथूराम गोडसे जैसे हत्यारे की हिमायत में ऐसी बातें कही जा रही हैं, लेकिन न कोई इन्हें रोक रहा है और न ही अरेस्ट कर रहा है.
आपको याद होगा कि कई बार मौजूदा नेताओं के खिलाफ लिखे गए पोस्ट को आधार बनाकर पत्रकारों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा चुका है, आए दिन ऐसे मामले हमें देखने को मिलते रहते हैं. लेकिन हैरत की बात ये है कि जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर ऐसी बातें बिल्कुल निडरता के साथ लिखी जा रही हैं तो भारत सरकार की एजेंसियों से लेकर फेसबुक व ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियां भी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं.
गोडसे जिंदाबाद के लाखों ट्वीट्स किए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक ट्विटर द्वारा न तो एक भी ट्वीट सस्पेंड किया गया है और न ही किसी पर कोई कार्यवाही हुई है. इससे पूरा प्रशासन कटघरे में खड़ा होता है, क्योंकि सोशल मीडिया पर जो बातें कही और लिखी जा रही हैं वो इंटरनेट पर खुले तौर पर देखी जा सकती हैं, वो किसी डार्क वेब पर नहीं हैं कि लोग उसका एक्सेस नहीं कर सकते.
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