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प्रोजेक्ट टाइगर (Project Tiger) के 50 साल पूरे होने पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार, 9 अप्रैल को मैसूर में नवीनतम बाघ जनगणना (Tiger Census) का डेटा जारी किया. देश में बाघों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है.
पीएम ने बताया कि अब भारत में 3,167 बाघ हैं. जनगणना के आंकड़े आखिरी बार 2018 में जारी किए गए थे, जब भारत में 2,967 बाघ थे.
प्रोजेक्ट टाइगर को 1973 में इंदिरा गांधी सरकार ने लॉन्च किया था इसने 1 अप्रैल को अपनी स्वर्ण जयंती पूरी कर ली है.
देश में बाघों की संख्या 2006 में 1,411 थी, यह 2010 में बढ़कर 1,706 और मूल्यांकन के 2014 चक्र में 2,226 हो गई. प्रधानमंत्री मोदी ने कर्नाटक के मैसूर में इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस का उद्घाटन करते हुए टाइगर जनगणना जारी की है. बिग कैट एलायंस, प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरा होने के मौके पर देश में अपनी तरह का पहला आयोजन था. तीन दिवसीय सम्मेलन दुनिया की सात प्रमुख बिग कैट्स - बाघों, शेरों, तेंदुओं, हिम तेंदुओं, प्यूमा, जगुआर और चीता के संरक्षण पर केंद्रित होगा.
पीएम मोदी ने कहा, 'प्रोजेक्ट टाइगर' की सफलता न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए गर्व की बात है. सम्मेलन का शुभारंभ करने से पहले, प्रधानमंत्री ने बांदीपुर टाइगर रिजर्व के साथ-साथ मुदुमलाई टाइगर रिजर्व में थेप्पाकडू हाथी शिविर का दौरा किया.
पीएम मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "लगभग दुनिया की बाघों की आबादी का 75 प्रतिशत अब भारत में पाया जाता है और देश में टाइगर रिजर्व 75,000 वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं, यह सभी के प्रयासों के कारण संभव हो पाया है.”
पीएम मोदी ने बताया कि बाघ के साथ संबंध हजारों साल से हैं और इस संबंध में 10,000 साल पुराने चित्र मध्य प्रदेश की गुफाओं में पाए गए हैं. उन्होंने आगे देश में आदिवासी समुदायों और बाघों के बीच घनिष्ठ संबंधों की ओर इशारा किया और कहा कि कई समुदाय भारत में टाइगर्स की पूजा करते हैं.
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