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देश में ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन देने के इरादे से शुरू किया गया 4 दिन का टीका उत्सव खत्म हो गया है. भारत में कोरोना वैक्सीनेशन का तीसरा फेज चल रहा है, जिसके तहत 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन दी जा रही है. कोरोना के रोजाना बढ़ते मामलों और कई राज्यों में वैक्सीन की कमी की खबरों के बीच, सरकार ‘टीका उत्सव’ को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है. चलिए देखते हैं इन चार दिनों में कितने लोगों को वैक्सीन दी गई और क्या सरकार ‘ज्यादा से ज्यादा’ लोगों को वैक्सीन देने के अपने लक्ष्य को पूरा कर पाई है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश में 11 अप्रैल से 14 अप्रैल तक ‘टीका उत्सव’ का आयोजन किया गया. टीका उत्सव के पहले दिन, केवल 27 लाख लोगों को वैक्सीन दी गई. दूसरे दिन हालात सुधरे और 37 लाख लोगों को टीका उत्सव के दूसरे दिन वैक्सीन दी गई.
हालांकि, ये आंकड़ा तीसरे दिन फिर नीचे आ गया. 13 अप्रैल को टीका उत्सव के तहत केवल 25 लाख लोगों को कोविड वैक्सीन दी गई. टीका उत्सव के आखिरी दिन 31 लाख लोगों ने वैक्सीन लगवाई.
इससे पिछले दिनों की बात की जाए तो 10 अप्रैल को 29.65 लाख, तो 9 अप्रैल को 32.16 लाख और 8 अप्रैल को 34.73 लाख लोगों को वैक्सीन दी गई थी. 7 अप्रैल को 13.14 लाख लोगों को टीके दिए गए. इस तरह से उत्सव के पहले चार दिनों में 1.09 करोड़ लोगों को टीके दिए गए. यानी उत्सव तो हुआ, लेकिन टीकाकरण की रफ्तार में कोई खास तेजी नहीं आई. महज 12 लाख ज्यादा लोगों को टीके लगे.
देश के तीन राज्यों ने 1 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन लगी है, वो हैं- महाराष्ट्र(1,11,19,018), राजस्थान (1,02,15,471) और उत्तर प्रदेश (1,00,17,650).
इंडियास्पेंड के एनालिसिस के मुताबिक, अगर भारत में वैक्सीन की रफ्तार इसी तरह रही तो देश की 60% आबादी को वैक्सीन लगाने में 13 महीने का समय लग जाएगा.
इंडियास्पेंड की रिपोर्ट कहती है कि इस आधार पर, भारत दिसंबर 2021 तक केवल 40% आबादी को वैक्सीन दे पाएगा. वहीं, 60% आबादी का वैक्सीनेशन मई 2022 तक होगा.
10 अप्रैल को भारत ने 10 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन देने का आंकड़ा छुआ था. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक देश में 11.44 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है. इसमें से 10.01 करोड़ लोगों को वैक्सीन का पहला डोज और 1.43 करोड़ लोगों को दोनों डोज दिए जा चुके हैं.
करीब 9 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज दी जानी बाकी है, जो सरकार के सामने अभी बड़ी चुनौती है.
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